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Delhi-Meerut Rapid Rail: दिल्ली-मेरठ के बीच निर्माणाधीन रैपिड रेल को भी कोरोना ने दिया झटका

Delhi-Meerut Rapid Rail निर्माण में लगे कई इंजीनियर और श्रमिक संक्रमित हो गए हैं जिन्हें नियमानुसार क्वारंटाइन किया गया है तथा आवश्यकतानुसार उनकी नियमित जांच और इलाज भी चल रहा है। ऐसे में इन सभी वजह से बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 07:59 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 08:11 AM (IST)
Delhi-Meerut Rapid Rail: दिल्ली-मेरठ के बीच निर्माणाधीन रैपिड रेल को भी कोरोना ने दिया झटका
Delhi-Meerut Rapid Rail: दिल्ली-मेरठ के बीच निर्माणाधीन रैपिड रेल को भी कोरोना ने दिया झटका

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi-Meerut Rapid Rail: कोरोना वायरस संक्रमण ने रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है। तेजी से आगे बढ़ रहा दिल्ली-मेरठ कारिडोर का निर्माण कार्य अब काफी धीमा हो गया है। दरअसल, यहां की इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन अब संक्रमितों की जान बचाने के काम में लाई जा रही हैं। ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से तमाम मैकेनिकल और सिविल कार्य रुक गए हैं। हालांकि, एनसीआर परिवहन निगम ने जल्द ही हालात सामान्य होने की उम्मीद जताई है।

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बता दें कि आरआरटीएस के निर्माण कार्य मे भी बड़ी मात्रा में इंडस्टि्रयल ऑक्सीजन का इस्तेमाल होता है। कंक्रीट की कास्टिंग, क्लैप निर्माण, पियर्स एवं पिलरों के निर्माण में शटरिंग को जोड़ने और फिर काटने आदि इन सब के लिए इंडस्टि्रयल आक्सीजन का उपयोग होता है। ऑक्सीजन की वर्तमान अनुपलब्धता के कारण फैब्रिकेशन, शटरिंग, डी शटरिंग आदि के कार्य पूरी तरह से रुक गए हैं। इसके अलावा आरआरटीएस में एमएस प्लेट अथवा स्टील की मोटी चादरों का भी व्यापक इस्तेमाल होता है, जिन्हे गैस कटर द्वारा काटा और जोड़ा जाता है।

अधिकारियों को उम्मीद जल्द शुरू होगा निर्माण

रैपिड रेल परियोजना में और भी बहुत से ऐसे कार्य हैं, जिनमें इंडस्टि्रयल ऑक्सीजन के इस्तेमाल की जरूरत पड़ती है। दूसरी तरफ रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण में लगे कई इंजीनियर और श्रमिक संक्रमित हो गए हैं, जिन्हें नियमानुसार क्वारंटाइन किया गया है तथा आवश्यकतानुसार उनकी नियमित जांच और इलाज भी चल रहा है। ऐसे में इन सभी वजह से बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। हालांकि निगम के आला अधिकारी अभी स्टाफ के स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं, अधिकारियों को उम्मीद है कि ऑक्सीजन की किल्लत जल्द ही दूर हो जाएगी और आरआरटीएस का निर्माण कार्य भी तेजी पकड़ेगा।

 2025 से शुरू होगा पूरे कॉरिडोर पर परिचालन

गौरतलब है कि 82 किलोमीटर लंबा यह कारिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा और उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम (मेरठ) में समाप्त होगा। इस पर कुल 22 स्टेशन होंगे। रास्ते में यह यमुना नदी, हिंडन नदी, भारतीय रेल की पटरियों, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे (ईपीई) को पार करेगा और दिल्ली, गाजियाबाद एवं मेरठ की घनी आबादी से गुजरेगा। साहिबाबाद एवं दुहाई के बीच 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड पर सिविल निर्माण कार्य जोरों पर है। कॉरिडोर का यह हिस्सा 2023 तक चालू हो जाएगा, जबकि पूरे कॉरिडोर पर परिचालन 2025 से शुरू होगा।

उधर,उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी रैपिड रेल कॉरिडोर के अंतर्गत दिल्ली रोड पर भूमिगत स्टेशन का निर्माण जारी है। ऐसे में दिल्ली रोड पर रामलीला ग्राउंड के सामने वाली रोड को फुटबाल चौक तक बंद किया जाना है। इसके लिए जल्द ही रूट डायवर्जन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अब डायवर्जन पांच मई के बाद होगा। बताया जा रहा है कि मतगणना संपन्न हो जाने के बाद एनसीआरटीसी, कार्यदायी कंपनी व ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी फिर से मौके का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद डायवर्जन की तिथि पर विचार करेंगे।


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