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मेट्रो की दोगुनी स्‍पीड से दौड़ने वाली रैपिड रेल का किराया तय, जानें कितने रुपये में पूरा होगा सफर

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य गुलधर-दुहाई के बीच तेजी से जारी है। यह सफर निजी वाहनों से दिल्ली-मेरठ के बीच आने-जाने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगा।

By Edited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 09:24 AM (IST)
मेट्रो की दोगुनी स्‍पीड से दौड़ने वाली रैपिड रेल का किराया तय, जानें कितने रुपये में पूरा होगा सफर
मेट्रो की दोगुनी स्‍पीड से दौड़ने वाली रैपिड रेल का किराया तय, जानें कितने रुपये में पूरा होगा सफर

गाजियाबाद, जेएनएन। रैपिड रेल द‍िल्‍ली-एनसीआर वालों के लिए जाम से बड़ी राहत बनने जा रहा है। आपको रैपिड रेल के जरिये दिल्ली से मेरठ जाने के लिए घंटों जाम से जूझने की आवश्‍यकता नहीं होगी। यह सफर सिर्फ 60 मिनट में पूरा होगा। क्‍या आप जानते हैं इस आरामदायक सफर के लिए आपको कितने रुपये चुकाने होंगे।  

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साठ मिनट में तय होगी दूरी 
इस सुविधा के लिए आपको सिर्फ 165 रुपये किराए चुकाने होंगे। 82.13 किलोमीटर आरामदायक एसी का सफर सिर्फ 60 मिनट में पूरा होगा। इसकी गति करीब 160 किमी प्रति घंटा होगी, जो मेट्रो से दोगुनी है।

24 स्‍टेशन होंगे दिल्‍ली से मेरठ के
इसके बीच आने वाले 24 स्टेशन होंगे। डीपीआर के मुताबिक एक बिजनेस कोच के अलावा महिलाओं व दिव्यांगों का अलग से कोच होगा। बिजनेस क्लास के एकमात्र कोच में सुविधाएं ज्यादा रहेंगी, लेकिन इसके किराये को अभी डीपीआर में शामिल नहीं किया गया है।

एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर शर्मा ने बताया रैपिड रेल का काम समयबद्ध तरीके से किया जा रहा है। मार्च 2024 से रैपिड चलने लगेगी। डीपीआर में रैपिड रेल का प्रति किलोमीटर दो रुपये किराया तय किया गया है।

द‍िल्‍ली सरकार की म‍िल चुकी है सैद्धांत‍िक मंजूरी
इससे पहले दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देने के बाद दिल्ली सरकार ने इसके लिए 265 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी है। ऐसे में एनसीआर परिवहन निगम ने दिल्ली में डिजाइनिंग और मैपिंग का काम शुरू कर दिया है, चार से पांच माह में टेंडर भी निकाल दिए जाएंगे। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तो 90 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के लिए पिछले साल ही बजट की पहली किस्त जारी हो गई थी।

यूपी में काफी आगे बढ़ चुका है काम
इसलिए उत्तर प्रदेश में परियोजना पर काम भी काफी आगे बढ़ चुका है। शुरुआती साढ़े 10 किलोमीटर के लिए टेंडर तक निकाल दिया गया है। वहीं दिल्ली में दिल्ली सरकार की स्वीकृति न मिल पाने के कारण मामला लटक रहा था। दरअसल, दिल्ली सरकार परियोजना के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति देने को तो तैयार थी, लेकिन बजट नहीं। दिल्ली सरकार ने इस परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हरित कर की मद में जमा फंड से पहली किस्त 265 करोड़ रुपये भी जारी कर दी है।

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