Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने किया इशारा, 26 मई के बाद किसान आंदोलन में आ सकता है नया मोड़ !
Kisan Andolan किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि लगता है केंद्र सरकार किसान संगठनों से बात नहीं करेगी। ऐसे में आगामी 26 मई के बाद कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों का बदनाम किया जा रहा है।
नई दिल्ली/गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। पिछले साढ़े पांच महीने से भी अधिक समय से संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों के किसानों का धरना जारी है। आगामी 28 मई को किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो गए हैं। इस बीच यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा किसी नई रणनीति का एलान करेगा? इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, National Spokesperson of Bharatiya Kisan Union) का कहना है कि लगता है केंद्र सरकार किसान संगठनों से बात नहीं करेगी। ऐसे में आगामी 26 मई के बाद कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। राकेश टिकैत ने पिछले दिनों कहा है कि 26 मई को जब किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होंगे तब संयुक्त किसान मोर्चा एक बड़ा फैसला लेगा।
पिछले दिनों राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 26 तारीख को 6 महीने पूरे हो जाएंगे आंदोलन को। हम पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से यही कह कर आए थे कि 6 महीने का राशन लेकर किसान दिल्ली की तरफ चले। लेकिन लगता है कि सरकार बातचीत नहीं करेगी तो आगे का प्रोग्राम हमें बनाना पड़ेगा।
बदनाम किया जा रहा है किसान के प्रदर्शन को
राकेश टिकैत ने पूर्व की तरह इस बार भी कहा कि केंद्र सरकार प्रदर्शनकारियों का बदनाम कर रही है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि आम जनता के बीच यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि धरने पर बैठे किसान प्रदर्शनकारी कोविड 19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। धरने पर बैठे किसान शारीरिक दूरी के साथ मास्क भी लगा रहे हैं। सरकार जानबूझकर किसानों के खिलाफ यह दुष्प्रचार कर रही है।
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केंद्र सरकार नहीं कर रही है किसान से बात
राकेश टिकैत का कहना है कि किसान पिछले साल नवंबर महीने से ही अपने घरों से दूर दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर अपनों हक के लिए धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार बातचीत नहीं कर रही।
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वैक्सीन भी लगवा रहे किसान
राकेश टिकैत की मानें तो तीनों धरना प्रदर्शन स्थलों पर किसान प्रदर्शनकारी शारीरिक दूरी के नियम के तहत बैठते हैं। लगातार यह गलत प्रचार करवाया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी यहां कोविड के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। राकेश टिकैत ने बताया कि तीनों ही बॉर्डर पर बैठे किसान प्रदर्शनकारी कोरोना की वैक्सीन भी लगवा रहे हैं।
गौरतलब है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के तीनों बॉर्डर (टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। केंद्र सरकार के रुख और किसानों की जिद से लगता नही हैं कि यह आंदोलन जल्द समाप्त होगा।