ये हैं रियल लाइफ के सेंटा क्लॉज, जरूरतमंदों मदद के लिए उठे हाथ
ऐसे ही एक शख्स हैं पटपड़गंज के रहने वाले रजत कुमार। जो रियल लाइफ के सेंटा क्लॉज हैं। वह हर गली, मोहल्ले और नुक्कड़ पर एक सेंटा की तरह उपहार लिए खड़े रहते हैं।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। क्रिसमस पर सेंटा बच्चों को उपहार देता है और बच्चे खुश हो जाते हैं। ऐसा हम देखते और सुनते आ रहे हैं, लेकिन हमारे आस पास भी कुछ ऐसे लोग हैं जो असल जिंदगी के सैंटा क्लॉज है। ऐसे ही एक शख्स हैं पटपड़गंज के रहने वाले रजत कुमार। जो रियल लाइफ के सेंटा क्लॉज हैं। वह हर गली, मोहल्ले और नुक्कड़ पर एक सेंटा की तरह उपहार लिए खड़े रहते हैं।
यमुनापार के पटपड़गंज के रहने वाले रजत एक ऐसी शख्सियत हैं, जो कि गरीबों के इलाज के लिए नि:शुल्क जांच शिविर, झुग्गियों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए स्टेशनरी और सर्दियों में सड़क किनारे सो रहे लोगों को कंबल बांटते हैं।
38 वर्षीय रजत बताते हैं कि उन्होंने आज से पांच वर्ष पहले झुग्गियों में रहने वाली एक होनहार बच्ची को देखा था। जो कि पैसों के अभाव के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रही थी। वह बच्ची के परिजनों की आर्थिक स्थिति को देख बेहद ही व्याकुल हो गए।
उन्होंने बच्ची की पढ़ाई के लिए परिवार को आर्थिक मदद की। उन्होंने बताया कि तभी से वह लगातार पांच वर्षों से जरूरतमंदो की मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह समाजिक कार्य में पहले अकेले थे। लेकिन धीरे-धीरे कई लोग मिकलकर लोगों की मदद करने लगे।
इसलिए उन्होंने एक प्रयास नामक समाजिक संस्था शुरू की। जिसके अंतर्गत अब करीब 70 लोग जुड़े हुए हैं। रजत ने बताया कि संस्था की ओर तीस से अधिक नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का अयोजन कर चुके हैं। साथ ही प्रतिमाह झुग्गियों में रहने वाले गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए स्टेशनरी व आर्थिक मदद करते हैं।
उन्होंने बताया कि हाल ही में संस्था की ओर से सोसायटी में सुरक्षा गार्डों को सर्दीं को देखते हुए करीब एक हजार जैकेट बांटी थी। आगे भी लगातार गरीबों के लिए हर संभव मदद करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि ईश्वर ने हमें इतना सक्षम बनाया है, जिससे हम आराम से दो वक्त की रोटी खा लेते हैं।
अगर जरूरतमंदों को हम कुछ मदद करते हैं, तो वह खुद को शांति की अनुभूति कराता है। उनकी लोगों से गुजारिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग जरूरतमंदो की मदद करें। जिससे लोगों को आर्थिक तंगी के चलते किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।