झमाझम बारिश से बदला दिल्ली के मौसम का मिजाज
दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला-बदला दिख रहा था और शाम होते- होते बारिश ने अपना असर दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला-बदला दिख रहा था और शाम होते- होते बारिश ने अपना असर दिया। पूरे दिल्ली में झमाझम बारिश हो रही है। वहीं एनसीआर क्षेत्रों में भी बारिश के साथ ओले गिरने की सूचना है।
गुरुग्राम में भी बारिश हो रही है। वहीं गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में तेज बारिश हो रही है। सूरजकुंड मेले से गुलजार फरीदाबाद में बारिश होने से पयर्टक जहां मायूस दिखे वहीं स्टॉल लगाए दुकानदार भी बारिश रुकने के इंतजार करते दिखे।
फरीबाद में बृहस्पतिवार को दिन में रुक रुक कर हो रही बूंदाबांदी के बाद शाम को नाट्यशाला में कार्यक्रम आरंभ होने से कुछ ही देर पहले दोबारा से बूंदाबांदी शुरू हो गई जिसके कारण कलाकारों को अपने इंस्ट्रूमेंट ढकने पड़े। बारिश के चलते शिल्पकारों ने अपने-अपने सामान को ढक कर बचाते दिखे। वहीं मजदूर बरसाती पानी इकट्ठा ना होने पाए इस जगत में लग गए।
इससे पहले मौसम वैज्ञानिकों ने वेलेंटाइन डे पर बारिश की आशंका जताई थी। आखिरकार वैसा ही हुआ। शाम होते-होते बारिश हो गई। सुबह से ही दिल्लीवासी धूप के साथ लुकाछिपी खेल रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार कुछ फ्लाइटों को खराब मौसम के कारण डायवर्ट किया गया है। बीते सात फरवरी को दिल्ली एनसीआर में भी ओले गिरे थे। इससे पूरी दिल्ली नजारा ही बदल गया था। नोएडा और गुरुग्राम में भी खूब ओले गिरे थे। पूरा इलाका शिमला जैसे तब्दील हो गया था।
वहीं गुरुग्राम में सुबह, दोपहर और फिर शाम को शहर में बारिश हुई। दिनभर आसमान घने काले बादलों से घिरा रहा। बारिश होने से एक बार फिर से सर्दी लौट आई है। शाम को साढे चार बजे तक साढे छह एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को भी बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभावना है। उधर, आटोमैटिक वेदर स्टेशन में खराबी होने के चलते शहर का तापमान दर्ज नहीं हो सका। काफी जगहों पर स्ट्राम वाटर ड्रेन दुरुस्त नहीं होने से पानी भर रहा है। इसके अलावा कई निचले इलाकों में भी बारिश का पानी भरने से लोगों को परेशानी हुई।
फसलों को मिला फायदा
रबी की फसलों गेहूं, जौ, चना और सरसों के लिए मौसम फिर से अनुकूल हो गया है। तापमान में गिरावट आने से गेहूं की फसल में अच्छा फुटाव होगा। इसके साथ ही खेतों में सिंचाई की भी कम जरूरत पड़ेगी। बारिश होने से किसान भी काफी खुश नजर आ रहे हैं।