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Delhi Rain Update: कड़ाके की ठंड के लिए मशहूर पूस महीने ने तोड़ा बारिश का रिकॉर्ड

मौसम विभाग के मुताबिक सर्दी की बारिश के दो माह ही होते हैं जनवरी और फरवरी। जनवरी में सामान्य बारिश का आंकड़ा 21.7 मिमी जबकि फरवरी में 18.0 मिमी है। लेकिन इस साल तीन से छह जनवरी के बीच यानी चार दिनों में ही 51.2 मिमी बारिश हो गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 09:54 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 10:54 AM (IST)
Delhi Rain Update: कड़ाके की ठंड के लिए मशहूर पूस महीने ने तोड़ा बारिश का रिकॉर्ड
वर्ष 2000 से लेकर अभी तक इस माह में पहले कभी भी बादल इतना नहीं बरसे।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कड़ाके की ठंड के लिए मशहूर पूस के महीने में बारिश ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 2 दशक के दौरान इतनी बारिश कभी नहीं हुई। महज चार दिन की बारिश ने फरवरी का कोटा भी पूरा कर दिया है। हैरत की बात यह कि जनवरी महीने में सामान्य से अधिक बारिश को जो सिलसिला तीन साल पहले शुरू हुआ, उसका दायरा इस साल तीन वजहों से और भी अधिक फैल गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, सर्दी की बारिश के दो माह ही होते हैं जनवरी और फरवरी। जनवरी में सामान्य बारिश का आंकड़ा 21.7 मिमी, जबकि फरवरी में 18.0 मिमी है। लेकिन इस साल तीन से छह जनवरी के बीच यानी चार दिनों में ही 51.2 मिमी बारिश हो गई है। यानी दोनों महीने में आम तौर पर होने वाली कुल बारिश पिछले चार दिन में हो गई है। वर्ष 2000 से लेकर अभी तक इस माह में पहले कभी भी बादल इतना नहीं बरसे।

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स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत (Skymet Weather chief meteorologist Mahesh Palawat) ने बताया कि इस बारिश की वजह पहाड़ों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ तो रहा ही, राजस्थान के ऊपर बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन और छत्तीसगढ़ पर बना एंटी साइक्लोन भी मुख्य कारण था। इससे दक्षिणी-पश्चिमी हवाओं के साथ जहां अरब सागर से नमी आ रही थी, वहीं दक्षिणी पूर्वी हवा बंगाल की खाड़ी से नमी ला रही थी। उनके मुताबिक अमूमन यह तीनों वजहें एक साथ नहीं बनतीं।

वर्ष 2000 से 2021 तक जनवरी में दर्ज बारिश

 बारिश (मिमी में)

  • 2000            19.3 मिमी
  • 2001            13 मिमी
  • 2002            20 मिमी
  • 2003            23 मिमी
  • 2004            14 मिमी
  • 2005            03 मिमी
  • 2006            0.9 मिमी
  • 2007            02 मिमी
  • 2008            02 मिमी
  • 2009            5.8 मिमी
  • 2010            6.2 मिमी
  • 2011            0.5 मिमी
  • 2012          13.9 मिमी
  • 2013          33.5 मिमी
  • 2014         10.8 मिमी
  • 2015         24.1 मिमी
  • 2016         33.92 मिमी
  • 2017           01 मिमी
  • 2018        8 4.4 मिमी
  • 2019        34.8 मिमी
  • 2020        34.4 मिमी
  • 2021         51.2  मिमी

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