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रेल अधिकारी करा रहे हैं कर्मचारियों से घरेलू काम, सफदरजंग रेलवे स्टेशन के पांच कर्मचारियों ने की शिकायत

रेल मंत्री ने अधिकारियों को अपने कनिष्ठ कर्मचारियों से घरेलू काम नहीं कराने का निर्देश दिया था । बावजूद इसके अभी भी अधिकारी अवैध तरीके से कर्मचारियों से निर्धारित काम की जगह घरेलू काम ले रहे हैं ।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 07:37 AM (IST)
रेल अधिकारी करा रहे हैं कर्मचारियों से घरेलू काम, सफदरजंग रेलवे स्टेशन के पांच कर्मचारियों ने की शिकायत
मना करने पर किया जाता है प्रताड़ित, रेलवे संरक्षा के साथ हो रहा है खिलवाड़

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड की हिदायत के बावजूद कई अधिकारी कर्मचारियों से अपने घरेलू काम करा रहे हैं। इस तरह के अधिकांश कर्मचारी रेलवे ट्रैक के रखरखाव से जुड़े होते हैं। इन्हें अधिकारियों के घरों में तैनात करना सुरक्षित रेल परिचालन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर तैनात पांच कर्मचारियों ने भी अधिकारियों पर घरेलू काम कराने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकयात केंद्रीय सतर्कता आयोग से की है। उनका कहना है कि डरा-धमकाकर उनसे अधिकारियों के घरों में काम कराया जा रहा है।

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लगभग तीन साल पहले रेल मंत्री ने अधिकारियों को अपने कनिष्ठ कर्मचारियों से घरेलू काम नहीं कराने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके अभी भी अधिकारी अवैध तरीके से कर्मचारियों से निर्धारित काम की जगह घरेलू काम ले रहे हैं। इन कर्मचारियों का एक सप्ताह की उपस्थिति एक साथ लगाकर अधिकारियों की सेवा में भेज दिया जाता है।

सतर्कता आयोग को शिकायत करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि वे सभी सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर कांटे वाले के पद पर तैनात हैं। उन्हें घर पर काम करने के लिए रात्रि भत्ता, पदोन्नति का लालच दिया जाता है। इन्कार करने कर्मचारी का तबादला कर परेशान किया जाता है। उनका कहना है कि वह रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

चपरासी की नियुक्ति पर है रोक

वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के सहयोग के लिए उनके आवास पर टीएडीके (टेक्निकल असिस्टेंट एंड डाक खलासी) यानी चपरासी की तैनाती की जाती है। इसे लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहे हैं। केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भी कई बार इस तरह की नियुक्तियों अनुचित ठहरा चुका है। इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने पिछले वर्ष अगस्त में टीएडीके की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। पहले से तैनात टीएडीके की भी समीक्षा कर इन कर्मचारियों को रेलवे के कामकाज में लगाने की तैयारी थी, लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हो सका है। इसके साथ ही दूसरे कर्मचारियों को भी गलत तरीके से अधिकारियों के घर में लगा दिया जाता है।

इस संबंध में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी। कोई भी अधिकारी अपने कनिष्ठ कर्मचारियों से निजी काम नहीं करा सकता है। यदि इसके लिए कोई बाध्य करता है तो इसकी शिकायत उसे उच्च अधिकारियों से करना चाहिए। कर्मचारियों को अपने पद के अनुसार निर्धारित काम ही करना चाहिए।


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