Move to Jagran APP

EXCLUSIVE: राहुल गांधी जी जरा गौर से देखिए ये तस्वीर - 'सारे मोदी चोर नहीं होते'

मोदीनगर में मोदी उपनाम के काफी लोग रहते हैं। राजनीतिक सोच-समझ के पैमाने पर कांग्रेस अध्यक्ष के ‘शब्दों’ को तौलते हुए इनकी आंखों में सुर्खी बढ़ जाती है तो आवाज में आक्रोश।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 08:13 AM (IST)
EXCLUSIVE: राहुल गांधी जी जरा गौर से देखिए ये तस्वीर - 'सारे मोदी चोर नहीं होते'
EXCLUSIVE: राहुल गांधी जी जरा गौर से देखिए ये तस्वीर - 'सारे मोदी चोर नहीं होते'

गाजियाबाद [मनीष शर्मा]। दिल्ली से मेरठ जाते वक्त गाजियाबाद मुख्यालय से 24.5 किलोमीटर दूर एनएच-58 पर बसा मोदीनगर किसी परिचय का मोहताज नहीं है, लेकिन मौजूदा हालात में राष्ट्रीय राजनीति पटल पर ‘मोदी-मोदी’ के शोर के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस उपनाम के साथ ‘चोर’ की संज्ञा जोड़ दी। पीएम मोदी समेत तमाम ओहदेदार मोदियों ने एक पूरी जमात पर सवालिया निशान लगाने पर अपने-अपने हिसाब से एतराज जताया, लेकिन बुधवार को दैनिक जागरण ने ‘मोदी-नगर’ के दिल में उठती टीस की टोह ली तो गुबार फूट पड़ा।

loksabha election banner

देश के अन्य कई औद्योगिक नगरियों के बीच मोदीनगर का नाम आज भी बड़े अदब से लिया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान से व्यथित मोदीनगर के बाशिंदे उन्हें जरूर याद दिलाना चाहते हैं कि यहां के डॉ.केएन मोदी साइंस एंड कॉमर्स कॉलेज का उद्घाटन करने खुद उनके परदादा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू वर्ष 1952 में मोदीनगर पहुंचे थे।

मोदीनगर के संस्थापक रायबहादुर गूजरमल मोदी को पद्मभूषण की उपाधि 1968 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री व राहुल की दादी इंदिरा गांधी की सरकार में दी गई थी। एक नहीं, ऐसे तमाम उदाहरण हैं। जानकार तो यहां तक कहते हैं कि कभी मोदी ग्रुप की इकाइयों में हजारों लोग काम करते थे, जिन्होंने कई मर्तबा अपनी ड्यूटी कांग्रेस की रैलियों में भीड़ बढ़ाकर पूरी की। मोदीनगर में मोदी उपनाम के काफी लोग रहते हैं। राजनीतिक सोच-समझ के पैमाने पर कांग्रेस अध्यक्ष के ‘शब्दों’ को तौलते हुए इनकी आंखों में सुर्खी बढ़ जाती है तो आवाज में आक्रोश। सिर्फ ‘मोदी’ उपनाम वाले ही नहीं, मोदीनगर से वाबस्ता लगभग हर शख्स, जो देश में कहीं भी खुद को मोदीनगर वाला बताने में गौरव महसूस करता है कि नजर में इक्का-दुक्का लोगों की वजह से समूचे वर्ग को कटघरे में खड़ा करना सही नहीं है। बहरहाल, सियासी सूरमाओं के तरकश से निकले जहर-बुङो जुबानी तीरों ने मुनव्वर राणा के इस तंज को एक बार फिर से मौजूं कर दिया कि..

ये भी पढ़ें- Loksabha Election 2019 : मेनका गांधी के नामांकन जुलूस में उमड़ी भीड़

सियासत से अदब की दोस्ती बेमेल लगती है

कभी देखा है पत्थर पे भी कोई बेल लगती है

गौरवशाली है मोदीनगर का इतिहास

571 एकड़ रकबे के मूलत: बेगमाबाद गांव को नवाब जाफर अली ने अपनी एक बेगम के नाम पर बसाया था। राजस्थान से आकर उद्योगपति गूजरमल मोदी ने इस गांव की तकदीर बदली और इसे बेगमाबाद से मोदीनगर बनाकर औद्योगिक टाउनशिप का आकार दिया। शुगर मिल से शुरू हुआ सिलसिला 1939 में कोटोजेम वनस्पति और इसके अगले साल साबुन उद्योग तक पहुंचा। फ्लोर मिल सहित यहां दर्जनों उद्योग रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में मोदीनगर का अलग रुतबा है।

आखिर ‘मोदी’ है क्या?

‘मोदी’ का अर्थ है, दाल, चावल आदि बेचने वाला, पंसारी, परचूनिया, ग्रॉसर, भंडारी या स्टोर-कीपर। नरेंद्र मोदी गुजरात के मोढ-घांची समाज से हैं, जो समाज परंपरागत रूप से वनस्पति तेल निकालने और बेचने का काम करता रहा है। मोदी जाति का नामकरण प्राचीन काल में मोठ बेचने के व्यवसाय से शुरू हुआ, जो बाद में मोठ, मोठी, मोढी होता हुआ मोदी हुआ। इससे एक बात तो साफ है कि यह जाति नहीं, बल्कि पुख्ता पहचान है।

सुरेश कुमार मोदी (मेडिकल ऑक्सीजन व्यवसायी) का कहना है कि लोकतंत्र में सबको आजादी है, लेकिन इतनी नहीं कि किसी के भी आत्मसम्मान-स्वाभिमान को ठेस पहुंचाए। एक-दो लोगों के चक्कर में पूरे वर्ग पर तोहमत ठीक नहीं है।

वहीं, अखिल मोदी (फर्नीचर व्यवसायी) ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का दिया गया बयान सरासर गलत है। जो गलत है, वह गलत है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाए, न कि सबको उनके बराबर मान लिया जाए।

चुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.