Move to Jagran APP

Oxygen Shoratage मामले में हाई कोर्ट का आदेश, बड़े अस्पताल से लेकर नर्सिंग को लगाना होगा पीएसए प्लांट

पीठ ने कहा कि ऐसा दिखाई दे रहा हे कि ज्यादातर प्लांट को अभी भी इंस्टाल करना और शुरू करना बाकी है।पीठ ने कहा कि आगे आने वाले लहर की समस्या को देखते हुए उन प्लांट का इंस्टालेशन प्राथमिकता पर करना चाहिए जिनका निर्माण भारत में किया जा रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 06:42 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 06:46 PM (IST)
Oxygen Shoratage मामले में हाई कोर्ट का आदेश, बड़े अस्पताल से लेकर नर्सिंग को लगाना होगा पीएसए प्लांट
अस्पतालों में आक्सीजन की कमी मामले मे दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आक्सीजन की कमी के कारण कोरोना मरीजों के इलाज के कड़वे अनुभव ने हमारे लिए एक सबक छोड़ा है और हमें इससे सीख लेने की जरूरत है। शताब्दी में ऐसी महामारी एक बार आती है और हमें उम्मीद है कि अभी या कुछ समय बाद इसका अंत देखेंगे। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए 100 या इससे अधिक बेड वाले बड़े अस्पतालों को सामान्य जरूरत से दो गुना क्षमता वाला पीएसए प्लांट लगाने को कहा। पीठ ने कहा कि यह उचित समय है कि बड़े अस्पतालों के पास अपना पीएसए प्लांट होना चाहिए, ताकि आपात स्थिति में सिर्फ बाहरी स्रोत पर निर्भर न रहना पड़े। पीठ ने दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों के साथ चर्चा करके 27 मई को स्थिति रिपोर्ट पेश करें।

loksabha election banner

पीठ ने उक्त टिप्पणी तब की जब दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने बड़े निजी अस्पतालों को आक्सीजन की क्षमता बढ़ाने और पीएसए प्लांट लगाने के संबंध में सुझाव दिया। पीठ ने कहा कि आक्सीजन की मांग बीते दिनों में पांच गुना तक बढ़ गई थी और ऐसे में जरूरी है कि बड़े अस्पतालों में लगने वाले प्लांट की क्षमता सामान्य स्थिति से कम से कम दो गुना अधिक हो। 50 से 100 बेड वाले नर्सिंग होम और अस्पतालों को पीठ ने निर्देश दिया कि अपनी जरूरत को पूरा करने वाला पीएसए प्लांट लगाएं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न होने पर ये प्लांट मददगार साबित हों।

राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि ज्यादातर पीएसए प्लांट हमें दान के रूप में मिले हैं और हम इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ महीने के अंत तक आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई माह के मध्य तक सभी प्लांट काम करना शुरू कर देंगे। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता निधि माेहन पाराशर ने पीठ को कुछ संयंत्र जो स्थापित किए जाने हैं वे कई देशों से मिल रही सहायता का हिस्सा होने के कारण अभी केंद्र को नहीं मिले हैं।

भारत में बनने वाले प्लांट को दें प्राथमिकता

पीठ ने कहा कि ऐसा दिखाई दे रहा हे कि ज्यादातर प्लांट को अभी भी इंस्टाल करना और शुरू करना बाकी है। पीठ ने कहा कि आगे आने वाले लहर की समस्या को देखते हुए उन प्लांट का इंस्टालेशन प्राथमिकता पर करना चाहिए जिनका निर्माण भारत में किया जा रहा है। पीठ ने इसके साथ ही केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि अस्पतालों में पीएसए प्लांट के इंस्टालेशन की निगरानी के लिए अगर नोडल अधिकारी नियुक्ति नहीं किए गए हैं तो करें।

पार्किंग क्षेत्र में में पीएसए प्लांट लगाने की अनुमति पर करें विचार

पीठ ने आदेश देते समय रिकार्ड पर लिया कि इससे पूर्व की सुनवाई के दौरान मैक्स अस्पताल ने कहा था कि ओपन पार्किंग क्षेत्र में पीएसए प्लांट लगाने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा था कि इसके लिए उन्हें अपनी लागत पर मल्टी-लेवल पार्किंग का निर्माण करने की अनुमति देनी होगी। पीठ ने कहा कि इस तरह के प्लांट के इंस्टालेशन में जगह की जरूरत है और यह उचित होगा कि नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण बिल्डिंग-बाय-ला में कुछ राहत देनी होगी, ताकि ओपन पार्किंग क्षेत्र में पीएसए प्लांट लगाया जा सके। पीठ ने कहा कि अदालत मित्र इस संबंध में नगर निगम और डीडीए के साथ ही अस्पताल के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक करेंगे और एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि इन निर्देशों का केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ सभी अस्पतालों को अनुपालन करना होगा। साथ ही भविष्य में होने वाले नये अस्पतालों के निर्माण पर लागू किया जाये।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.