Farmer Protest: टेंट से ढककर सड़क पर पक्का मकान बना रहे प्रदर्शनकारी, विरोध करने पर देते हैं धमकी
झाड़ौदा गांव निवासी अशोक पंडित ने बताया कि पक्के निर्माण के साथ-साथ रोड पर समरसिबल भी प्रदर्शनकारियों ने लगा रखे हैं। उसे टेंट से ढंक दिया है जिससे कि किसी को पता नहीं चले। ये प्रदर्शन की आड़ में अब नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं।
नई दिल्ली [भगवान झा]। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों की मनमर्जी अब दिनोदिन बढ़ रही है। तीन महीने से ज्यादा समय से बीच सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों के चलते आवागमन बंद है, वहीं दूसरी तरफ अब यहां पर अवैध निर्माण शुरू कर उन्होंने यह जता दिया है कि आम लोगों की परेशानी से उन्हें कोई मतलब नहीं है। टीकरी बार्डर पर अभी करीब 25 जगहों पर अवैध निर्माण दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं, जब कोई इनका विरोध करता है तो धमकी देने से भी वे बाज नहीं आते हैं। अगर प्रदर्शनकारियों पर रोक नहीं लगाई गई तो देखते ही देखते इस तरह के सैकड़ों अवैध निर्माण सड़क पर देखने को मिल सकते हैं।
झाड़ौदा गांव निवासी अशोक पंडित ने बताया कि पक्के निर्माण के साथ-साथ रोड पर समरसिबल भी प्रदर्शनकारियों ने लगा रखे हैं। उसे टेंट से ढंक दिया है, जिससे कि किसी को पता नहीं चले। ये प्रदर्शन की आड़ में अब नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं।
आम लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। हरियाणा सरकार को इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विरोध करने पर प्रदर्शनकारी धमकी देते हैं। यह सरासर गलत है। प्रदर्शन के नाम पर लोगों को वे परेशान कर रहे हैं। टीकरी बार्डर पर रहने वाले राम कुमार ने बताया कि सरकार हर समय बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन संगठन के नेताओं को राजनीति करने से फुर्सत ही नहीं है। सरकार से बातचीत करने की बजाय पश्चिम बंगाल चुनाव में संगठन के नेता सभा को संबोधित कर रहे हैं। अगर वे अपनी मांग को लेकर गंभीर होते तो सरकार से बात करते न कि पश्चिम बंगाल में जाकर राजनीति करते। यह प्रदर्शन अब दिशाहीन हो गया है और अगर ये खुद सड़क खाली नहीं करते हैं तो इनसे सख्ती से निपटना जरूरी हो गया है।
बता दें कि टीकरी बार्डर से सात किलोमीटर के दायरे में ये सड़क पर कब्जा जमाकर बैठे हुए हैं। पूरी सर्दी ट्रैक्टर ट्राली पर बैठे रहे और अब ट्रैक्टर को यहां से हटाकर पक्का निर्माण किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के रवैये से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। एक ओर फैक्ट्री में कार्य प्रभावित हो रहा है वहीं, कामगारों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं।