योग गुरु बाबा रामदेव के जीवन पर आधारित TV सीरियल पर विवाद, हरियाणा की दो जातियां नाराज
फिल्म 'पद्मावत' पर विवाद के बाद अब बाबा रामदेव पर आधारित सीरियल 'रामदेव एक खोज' भी विवादों में घिरता नज़र आ रहा है।
रेवाड़ी (जेएनएन)। योगगुरु से बिजनेस टाइकून बन चुके बाबा रामदेव एक बार फिर विवादों में है। जातिगत टिप्पणी करके विवादों में आए रामदेव का उनके गृह राज्य में ही विरोध शुरू हो गया है। उनके समाज के ही लोगों को कहना है कि बाबा रामदेव झूठ का सहारा लेकर विवाद पैदा करने में लगे हैं। दरअसल, एक निजी टेलीविजन चैनल पर बाबा रामदेव की जीवन पर आधारित धारावाहिक शुरू हुआ है, जिसका अहीरवाल में विरोध शुरू हो गया है।
कुछ दिन से सोशल मीडिया पर चल रही तल्ख टिप्पणियों के बाद बृहस्पतिवार को रेवाड़ी के कुछ लोगों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। अहीरवाल रेजीमेंट संघर्ष समिति के पदाधिकारी विधायक रणधीर कापड़ीवास को भी ज्ञापन देने पहुंचे। उन्होंने बाबा रामदेव पर झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया।
लोगों का कहना है कि बाबा रामदेव के जीवन संघर्ष पर आधारित टेलीविजन सीरियल में ऐसा दर्शाया गया है मानो उनकी जाति के लोगों के साथ खास जाति ने भेदभावपूर्ण व्यवहार किया था, लेकिन ऐसा कतई नहीं था।
रामदेव जब छोटे थे तब उन्होंने महेंद्रगढ़ जिले में स्थित उनके गांव सैद अलीपुर में क्षत्रिय यादव समाज की स्थापना थी। यादवों ने ही 'उस' जाति के परिवार को गांव में लाकर बसाया था। ऐसी स्थिति में रामदेव के साथ जाति के नाम पर किसने भेदभाव किया?
ज्ञापन देने वालों ने कहा कि बाबा रामदेव ने सहानुभूति बटोरने और पब्लिसिटी के लिए झूठी कहानी का सहारा लेकर पूरे यादव समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
बाबा के सीरियल से यादव समाज और 'उस' समाज के बीच जातीय भेदभाव बढ़ेगा और भाईचारे की भावना खत्म होगी। ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी भेजी गई है। इस ज्ञापन में निजी टीवी चैनल पर प्रसारित किए जा रहे इस सीरियल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।