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उत्तरी दिल्ली में फैक्ट्री व ट्रेड लाइसेंस को वापस लेने की तैयारी, निगम की अगली बैठक में आएगा प्रस्ताव

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बढ़ाए गए फैक्ट्री व ट्रेड लाइसेंस को वापस लेने का प्रस्ताव निगम सदन की अगली बैठक में आएगा। नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि भाजपा संपत्तिकर से लेकर ट्रेड व फैक्ट्री लाइसेंस को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 01:50 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 01:50 PM (IST)
उत्तरी दिल्ली में फैक्ट्री व ट्रेड लाइसेंस को वापस लेने की तैयारी, निगम की अगली बैठक में आएगा प्रस्ताव
ट्रेड लाइसेंस व हेल्थ लाइसेंस की बढ़ाई गई दरों को वापस लेने की मांग

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बढ़ाए गए फैक्ट्री व ट्रेड लाइसेंस को वापस लेने का प्रस्ताव निगम सदन की अगली बैठक में आएगा। निगमायुक्त ने सदन को आश्वासन दिया है प्रस्ताव लाकर इस पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि निगम के लिए यह फैसला लेना भी काफी मुश्किल रहेगा क्योंकि निगम पहले से ही खराब वित्तीय हालत से जूझ रहा है। निगमायुक्त ने बुधवार को सदन को बताया कि वित्तीय स्थिति खराब होने के चलते हाईकोर्ट में विभिन्न मामले चल रहे हैं। इसमें अदालत को यह बताना पड़ता है कि हम निगम के आंतरिक राजस्व को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।

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दरअसल, सदन में नेता सदन छैल बिहारी गोस्वामी व नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल के अल्पकालिक प्रश्न पर चर्चा हो रही थी। इसमें नेताओं ने तृतीय मूल्याकंन समिति की सिफारिशों के आधार पर अक्टूबर 2020 में ट्रेड लाइसेंस एवं फैक्ट्री लाइसेंस के शुल्क में तीन से चार गुणा बढोत्तरी की गई थी। कोरोना की दूसरी लहर के बाद लगे लाकडाउन का हवाला देते हुए व्यापारी नुकसान की भरपाई के लिए इस बढोत्तरी को वापस लेने की मांग कर रहे थे।

इसके आधार पर स्थायी समिति ने अगस्त 2021 में बढोत्तरी का वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया था। इसे फिलहाल सदन से मंजूरी दी जानी है। इसको लेकर सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष अधिकारियों से लागू न करने का कारण पूछ रहा था। इसके जवाब में निगमायुक्त संजय गोयल ने सदन को जानकारी दी कि अगले सदन में यह प्रस्ताव लाया जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि भाजपा संपत्तिकर से लेकर ट्रेड व फैक्ट्री लाइसेंस को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है। अभी तक जो घोषणाएं की जा रही वह लागू नहीं हो पाई है। जो कि एक तरह से लोगों के साथ छल है। पूर्व महापौर जय प्रकाश ने कहा कि वर्ष 2008 में इससे पहले फैक्ट्री व ट्रेड लाइसेंस की दरों में वृद्धि की गई थी। ऐसे में भाजपा शासित निगम बधाई के पात्र हैं कि 13 साल तक यह शुल्क नहीं बढ़ाया। जबकि दिल्ली सरकार के द्वारा बार-बार यह शुल्क बढ़ाने का दवाब बनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि पूरा सदन इस प्रस्ताव के साथ है कि 50 वर्ग मीटर तक की रिहायशी संपत्तियों का कर माफ हो और तृतीय मूल्याकंन समिति की सिफारिशों पर बढ़ाई गई ट्रेड व फैक्ट्री लाइसेंस की दरें भी वापस हो। कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने भाजपा व आम आदमी पार्टी (आप) पर लोगों व सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए फैक्ट्री व ट्रेड लाइसेंस शुल्क की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने की मांग की। उन्होने कहा कि जब आयुक्त ने अगली बैठक में प्रस्ताव लाने के लिए कहा है तो महापौर अगले दस के भीतर विशेष बैठक बुलाएं।

जर्जर इमारतों को लेकर हुई उठाए सवाल

सदन में जर्जर इमारतों को लेकर भी चर्चा हुई। सत्तापक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने पुरानी सब्जी मंडी इलाके में हुई दो बच्चों की मौत में परिवार को मुआवजा देने की मांग हुई। वहीं, मल्कागंज की पार्षद गुड्डी देवी परिवार को आर्थिक सहायत देने की मांग करते हुए भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार खत्म हो गया। स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने कहा कि नियमानुसार जो भी मदद की जा सकती है वह परिवार की निगम को करनी चाहिए।


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