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कार्यकारी परिषद ने जेएनयू कुलसचिव की नियुक्ति पर लगाई मोहर

परिषद के सदस्यों ने प्रो अनिर्बान चक्रवर्ती की नियुक्ति को जायज ठहराते हुए प्रस्ताव पास कर दिया। जेएनयू प्रशासन ने नियुक्ति का विरोध करने वाले शिक्षकों को आड़े हाथों लेते हुए पूरे घटनाक्रम को जानबूझकर विवाद खड़ा करने की कोशिश करार दिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 10:00 PM (IST)
कार्यकारी परिषद ने जेएनयू कुलसचिव की नियुक्ति पर लगाई मोहर
जेएनयू कार्यकारी परिषद की बैठक में नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव पास।

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कार्यवाहक कुलसचिव की नियुक्ति पर मचे घमासान के बीच शुक्रवार को कार्यकारी परिषद की अहम बैठक हुई। परिषद के सदस्यों ने प्रो अनिर्बान चक्रवर्ती की नियुक्ति को जायज ठहराते हुए प्रस्ताव पास कर दिया। जेएनयू प्रशासन ने नियुक्ति का विरोध करने वाले शिक्षकों को आड़े हाथों लेते हुए पूरे घटनाक्रम को जानबूझकर विवाद खड़ा करने की कोशिश करार दिया। जेएनयू रेक्टर ने कहा कि 17 मार्च को कुलसचिव का कार्यभार संभालने के लिए नियम 8(2) के तहत नियुक्ति की गई थी। जिसमें कहा गया है कि यदि कुलसचिव का पद खाली है या कुलसचिव बीमार है या अन्य कारणों से अनुपस्थित है। तो ऐसी स्थिति में कुलपति नियुक्ति कर सकते हैं।

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जेएनयू कुलपति ने भी कार्यवाहक कुलसचिव की नियुक्ति की एवं फिर कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास करने के लिए भेजा। कार्यकारी परिषद द्वारा पास प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रो अनिर्बान चक्रवर्ती कार्यवाहक कुलसचिव होंगे। वो कुलसचिव का कार्यभार तब तक संभालेंगे जब तक स्थाई नियुक्ति नहीं होती। जेएनयू ने स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया है। जेएनयू शिक्षक संघ ने यह कहकर विवाद को हवा दे दी थी कि कुलपति कुलसचिव की नियुक्ति नहीं कर सकते। कार्यकारी परिषद के पास नियुक्ति का अधिकार होता है।

फैसिलिटी मैनेजमेंट सिस्टम होगा लागू

जेएनयू कार्यकारी परिषद ने वित्त समिति की उस सिफारिश को भी मंजूरी दे दी है जिसमें छात्रावासों में फैसिलिटी मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की बात कही गई है। इसके तहत हास्टल एडमिनिस्ट्रेशन, सफाई व्यवस्था, बागवानी, इंजीनियरिंग व्यवस्था संभालने के लिए विभिन्न एजेंसियों के जरिए बाहर से कर्मचारी आउटसोर्स किए जाएंगे।

छात्रों को राहत

जेएनयू छात्रों से गत वर्ष मानसून सेमेस्टर के दौरान का छात्रावास शुल्क नहीं लिया जाएगा। कोविड-19 के चलते विवि बंद था एवं छात्र घर से पढ़ाई कर रहे थे। लिहाजा, वित्त समिति ने शुल्क नहीं वसूलने की सिफारिश की थी। जिसे कार्यकारी परिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। कार्यकारी परिषद ने जेएनयू प्लेसमेंट पालिसी को भी मंजूरी दी। इसके तहत पढ़ाई के दौरान ही छात्र भावी नियोक्ताओं से बातचीत करने का अवसर दिया जाएगा। ताकि छात्र अंतिम सेमेस्टर में नौकरी प्राप्त कर सकें।

महान शख्सियतों के नाम से जाने जाएंगे हाल

जेएनयू के स्कूल आफ इंजीनियरिंग एवं अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल आफ मैनेजमेंट के विभिन्न हाल का नाम महान शख्सियतों के नाम पर रखे गए हैं। जेएनयू ने बताया कि स्कूल आफ इंजीनियरिंग के तीन हाॅल अब जेसी बोस हॉल, जानकी अम्माल हाॅल और रामानुजन हॉल के नाम से जाने जाएंगे। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल आफ मैनेजमेंट के दो हाॅल का नाम सबरी हॉल और कौटिल्य हॉल रखा गया है। 


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