क्या आपको पता है, निजी लैब कोरोना की जांच के लिए नमूने लेने के लिए अधिकृत नहीं; जानिए और बातें
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोई भी निजी लैब कोरोना की जांच के लिए नमूने लेने के लिए अधिकृत नहीं है। नोडल अधिकारियों द्वारा अधिकृत किए गए अस्पतालों में ही नमूने लिए जा सकेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना को महामारी घोषित किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में फ्लू की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को इस बात का भी रिकॉर्ड रखना होगा कि वहां आने वाले मरीजों में से पिछले 14 दिनों में किसी ने कोरोना प्रभावित देशों का दौरा तो नहीं किया गया है। अगर किया है तो कब किया है। इसके अलावा कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों का भी रिकॉर्ड तैयार रखना होगा। कोई भी व्यक्ति या संस्थान किसी भी माध्यम से कोरोना से संबंधित कोई भी सूचना बिना स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लिए प्रसारित नहीं करेगा।
- केवल अधिकृत अस्पतालों में लिए जा सकेंगे जांच के लिए नमूने
- कोरोना प्रभावित देशों से लौटे लोगों को देनी होगी सेहत की जानकारी
- 14 दिनों तक घर में रहना होगा क्वारेंटाइन
- जांच के दौरान अधिकारी कर सकते हैं पूरे एरिया को सील
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोई भी निजी लैब कोरोना की जांच के लिए नमूने लेने के लिए अधिकृत नहीं है। नोडल अधिकारियों द्वारा अधिकृत किए गए अस्पतालों में ही नमूने लिए जा सकेंगे। बीते 14 दिनों में किसी भी कोरोना प्रभावित देश का दौरा करने वाले व्यक्ति को स्वयं राज्य और जिला कंट्रोल रूम में संपर्क करना होगा।
व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिलता है तो भी उसे स्वयं को घर में क्वारेंटाइन रखना होगा और 14 दिनों तक परिजन और किसी भी अन्य व्यक्ति से दूर रहना होगा। किसी भी व्यक्ति में अगर कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के स्वास्थ्य अधिकारी के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि उनके संस्थान में जो भी ऐसे लोग आ रहे हैं, जो कोरोना प्रभावित देश या स्थानों से आए हैं, वे संक्रमित हैं या नहीं और उनमें कोरोना का कोई लक्षण है या नहीं, इसकी पूरी जानकारी जिले की सर्विलांस यूनिट को दें।
किसी क्षेत्र विशेष में अगर कोरोना के मरीजों के लगातार सामने आते हैं तो स्वास्थ्य विभाग का अधिकृत अधिकारी उस क्षेत्र को सील करने, वहां लोगों की आवाजाही सीमित करने और वहां के स्कूल व अन्य संस्थानों को बंद करने के लिए अधिकृत है।