निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने कहा- जल्द पूरा कर लेंगे टीकाकरण का शत प्रतिशत लक्ष्य
रोहिणी स्थित माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति अरोड़ा ने कहा कि स्कूल में 15-18 वर्ष के 90 फीसद से अधिक छात्रों का टीकाकरण हो चुका है। स्कूल एक सप्ताह के अंदर बाकी 10 प्रतिशत का लक्ष्य भी प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सरकारी स्कूलों ने 15-18 वर्ष के छात्रों का टीकाकरण का 85 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। इधर निजी स्कूल भी अपना टीकाकरण का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी आफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल के महासचिव भरत अरोड़ा ने बताया कि निजी स्कूल ज्यादा से ज्यादा छात्रों का टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए टीकाकरण शिविर और जागरूकता सत्र आयोजित करने में बहुत सक्रिय रहे हैं।
निजी स्कूलों के लगभग 60 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने टीकाकरण करा लिया है। वहीं, कुछ निजी स्कूलों ने 85-90 प्रतिशत छात्रों के टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। उन्होंने बताया कि कई स्कूलों में सरकार द्वारा टीकाकरण का कैंप नहीं लगाया गया है।ऐसे में कमेटी ने टीकाकरण के कैंप लगाए जाने को लेकर 40 स्कूलों की सूची तैयार की है। ये सूची संबंधित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी है। अगर इन स्कूलों में कैंप लगता है तो जल्द से जल्द निजी स्कूल भी छात्रों के टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि एक्शन कमेटी ने शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि बीते दो सालों से छात्र अपनी पढ़ाई के नुकसान के कारण सीखने की कमी को झेल रहे हैं। ऐसे में सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द छात्रों के लिए स्कूलों को खोला जाए।
वहीं, रोहिणी स्थित माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति अरोड़ा ने कहा कि स्कूल में 15-18 वर्ष के 90 फीसद से अधिक छात्रों का टीकाकरण हो चुका है। स्कूल एक सप्ताह के अंदर बाकी 10 प्रतिशत का लक्ष्य भी प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए शिक्षक लगातार टीकाकरण कराने को लेकर अभिभावकों और छात्रों को जागरूक कर रहे हैं।
आइपी एक्सटेंशन स्थित नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या वीना मिश्रा ने कहा कि स्कूल में 15-18 वर्ष के आयु के कुल 1234 छात्र हैं। इसमें से 1167 छात्रों ने टीकाकरण करा लिया है। 68 छात्र ऐसे हैं जो कोरोना से संक्रमित हुए हैं। वहीं, चार कैंसर और लीवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं जो टीकाकरण नहीं करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में टीकाकरण के लिए एक सप्ताह का कैंप लगाया गया था। जिसमें रोजाना 100 से अधिक छात्रों का टीकाकरण किया जा रहा था।