अब विदेशी तकनीक से बनाए जाएंगे प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान
NBCC का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे भवन बनाए जा रहें हैं जो किफायती, सरल निर्माण, कम समय व कम श्रम में बनते हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने और आवंटन को जल्द पूरा करने के लिए सरकार विदेशी तकनीक की सहायता लेगी। इसके लिए हंगरी एवं पोलैंड के साथ करार हो चुका है। अमेरिका व मलेशिया के साथ भी ऐसे करार की योजना है।
2022 तक इस लक्ष्य को पूरा करने के संदर्भ में नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) ने शहरी विकास मंत्रालय के समक्ष फास्ट ट्रैक निर्माण तकनीकों की सहायता लेने का सुझाव दिया है। निगम का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे भवन बनाए जा रहें हैं जो किफायती, सरल निर्माण, कम समय व कम श्रम में बनते हैं।
आवास योजना में दिल्ली-एनसीआर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में तकरीबन दो करोड़ मकान बनाए जाने हैं। एनबीसीसी ने भवन निर्माण में प्री कास्ट / प्री फैब, एडवांस शटरिंग स्कीम, स्टील स्ट्रक्चर, मॉड्यूलर कंस्ट्रक्शन आदि तकनीकों को बेहतर बताया है।
निगम की योजना है कि घाटे के सरकारी उपक्रमों को भी उबारा जाए। इसके लिए उपक्रमों की जमीन खरीदकर आवास योजना के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
निगम के अध्यक्ष अनूप मित्तल ने बताया कि मकान बनाने में विदेशी तकनीक प्रयोग करने के लिए शहरी विकास मंत्रलय से बात चल रही है।