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दिल्ली में घटे कोरोना टेस्ट के दाम, अब 500 की जगह देने होंगे 300 रुपये, जानें होम कलेक्शन का रेट

दिल्ली सरकार ने कोरोना की टेस्ट के दाम में कमी की है। जहां लोगों को पहले कोरोना टेस्टिंग के 500 रुपये देने होते थे अब उन्हें 300 रुपये ही देने होंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से लोगों को काफी राहत मिलेगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 09:09 PM (IST)
दिल्ली में घटे कोरोना टेस्ट के दाम, अब 500 की जगह देने होंगे 300 रुपये, जानें होम कलेक्शन का रेट
दिल्ली सरकार ने कोरोना की टेस्ट के दाम में कमी की है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली सरकार ने कोरोना की टेस्ट के दाम में कमी की है। जहां लोगों को पहले कोरोना टेस्टिंग के 500 रुपये देने होते थे, अब उन्हें 300 रुपये ही देने होंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से लोगों को काफी राहत मिलेगी। कोविड-19 के टेस्टिंग की लागत कम होने से खासकर तब जब तीसरी लहर के कारण राजधानी में काफी ज्यादा केस आ रहे हैं तब ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे थोड़ी राहत मिलेगी।

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ऐसे समझे पूरा रेट

निजी सुविधा पर आरटीपीसीआर टेस्ट कराने पर पहले 500 रुपये देने पड़ते थे उस रेट को कम कर दिया गया है अब लोगों को मात्र 300 रुपये ही देने होंगे। वहीं, घर से अगर सैंपल कलेक्ट करने की बात की जाए तो पहले 700 रुपये देने होते थे जिसे अब 500 रुपये कर दिया गया है। रैपिड एंटीजन की बात करें तो पहले इसकी कीमत 300 रुपये थी जिसे अब मात्र 100 रुपये कर दिया गया है।

क्या है दिल्ली का ताजा हालात

दिल्ली के ताजा हालात की बात करें तो बीते 24 घंटे में 12,306 नए केस सामने आए हैं। वहीं 18,815 लोगों ने कोरोना को मात दिया है। हालांकि मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। कोरोना के कारण 43 लोग मौत की आगोश में चले गए हैं।

जुकाम-बुखार का मतलब कोरोना ही नहीं: शेरवाल

बता दें कि अगर आपको सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण हैं तो जरूरी नहीं कि आपको कोरोना ही हो। ये लक्षण आपको सर्दी लगने की वजह से भी हो सकते हैं। इसलिए खुद को संक्रमित मानकर डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि बिना लापरवाही बरते जांच कराना जरूरी है। यह कहना है सफदरजंग अस्पताल में माइक्रोबायलाजी विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर डा. बीएल शेरवाल का।

उन्होंने कहा कि लक्षण होने पर रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो भी जब तक लक्षण रहें, तब तक घर में ही रहें और मास्क लगाएं। जितना संभव हो, घरवालों से भी दूरी बनाकर रखें। लेकिन, ऐसे में कमरे में आइसोलेट होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि एच1एन1 फ्लू के लक्षण भी सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार के ही होते हैं। इसलिए बचाव रखना जरूरी है। अगर जांच रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो खुद को आइसोलेट करके डाक्टर की सलाह लें। इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायलाजी (आइजीआइबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल का कहना है कि अगर आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी पांच-छह दिन तक लक्षण रहते हैं तो डाक्टर की सलाह से दोबारा जांच करानी चाहिए।


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