Delhi Violence मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, जामिया के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गिरफ्तार
Delhi Violence दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। Delhi Violence: दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia University) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गिरफ्तार किया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान को दिल्ली दंगे में संदिग्ध भूमिका के कारण यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि शिफा-उर-रहमान जामिया समन्वय समिति के भी सदस्यों में एक है।
यूएपीए के तहत हुआ गिरफ्तार
शिफा-उर-रहमान (Shifa-Ur-Rehman) को यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) Act) यानि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अनुसार उनके पास कई तकनीकी साक्ष्य हैं जिसके बाद पुलिस ने उसके आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि हमारे पास उनके खिलाफ तकनीकी सबूत थे जो बताते हैं कि उन्होंने दंगों के दौरान भीड़ को उकसाया था।
दंगा प्रभावित क्षेत्र के सीसीटीवी में दिखा था
पुलिस के अनुसार वह सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया था जो दंगा प्रभावित क्षेत्रों से एकत्र किया गया था। पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर के अनुसार इसके बाद पुलिस ने उसके कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सऐप को भी चेक किया जिसके बाद पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। इन सुराग से यह बात काफी हद तक पुख्ता हो गई है कि दिल्ली दंगे में उसकी भूमिका काफी अहम रही थी।
हाल के दिनों में हुए 10 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया गया तब कोर्ट में उसे प्रस्तुत किया गया जिसके बाद उसे 10 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस के अनुसार अभी हाल के दिनों में 10 लोगों को दिल्ली दंगे के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
हैदर और सफूरा भी गिरफ्तार
इससे पहले, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर और सफूरा ज़गर को भी साम्प्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। जगर जामिया समन्वय समिति के मीडिया समन्वयक हैं वहीं, हैदर समिति के सदस्य हैं। बता दें कि दिल्ली दंगे में कई लोगों की मौत हो चुकी थी वहीं, कई लोगों के घर-दुकान जल गए थे।
पुलिस ने बताया पूर्व निर्धारित साजिश
पुलिस के एफआइआर में यह दावा किया गया है कि सांप्रदायिक हिंसा एक "पूर्व-निर्धारित साजिश" थी जो कि कथित तौर पर जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और दो अन्य लोगों द्वारा रची गई थी। बता दें कि दिल्ली में हिंसा नागरिकता कानून के विरोध और समर्थकों के द्वारा भिड़ने के बाद शुरू हुआ था। यह 24 फरवरी को फिर दिल्ली में दंगे का रूप ले चुकी थी जिसमें करीब 53 लोग मारे गए थे और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।