सऊदी अरब में दफन एक हिंदू का होगा अंतिम संस्कार, अस्थियां लाने के लिए परिवार से लेंगे पावर ऑफ अटार्नी
विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। विदेश मंत्रालय ने न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ को सूचित किया कि अस्थियों को वापस लाने के लिए मृतक के परिवार से पावर आफ अटार्नी लेने की कवायद की जा रही है ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सऊदी अरब में मुस्लिम रीति से दफनाया गए हिंदू व्यक्ति की अस्थियों को भारत लाने के मामले में विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। विदेश मंत्रालय ने न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ को सूचित किया कि अस्थियों को वापस लाने के लिए मृतक के परिवार से पावर आफ अटार्नी लेने की कवायद की जा रही है, ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि सऊदी अरब की सरकार से पत्राचार के साथ ही उनके विदेश मंत्रालय के साथ भी बैठक करने की तैयारी की जा रही है। मामले में अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। भारतीय दूतावास की तरफ से अनुवाद में गलती के कारण संजीव कुमार का सऊदी अरब में मुस्लिम रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। इसे लेकर हिमाचल प्रदेश के ऊना की रहने वाली उनकी पत्नी अंजू शर्मा ने पति की अस्थियों को भारत लाने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। अंजू ने कहा कि उनके पति की अस्थियों को भारत लाया जाए ताकि वे उनका हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करा सकें।
मिली जानकारी के मुताबिक, मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की रहने वाली अंजू शर्मा ने अधिवक्ता सौरभ चंद के जरिये दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उनके पति संजीव कुमार के शव की अस्थियों को देश लाने का निर्देश देने की मांग की है। पीड़िता अंजू की तीन बेटियां हैं। पति संजीव कुमार दो दशक से भी अधिक समय से सऊदी अरब में ट्रक चलाने का काम करते थे। इसी साल 24 जनवरी को संजीव कुमार की डायबिटीज, हाईपरटेंशन और हार्ट अटैक के चलते उनकी मौत हो गई। वहीं, मौत होने की सूचना मिलने पर अंजू ने विदेश मंत्रालय से शव को भारत लाने की मांग की और इससे जुड़ी औपचारिकताएं पूरी की। वहीं, अनुवाद की गलती के कारण उनका शव दफना दिया गया, जबकि वह हिंदू थे।