गोली सिर में लगी थी, चार दिन तक अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों को नहीं चला पता, पुलिस भी हैरान
हैरानी की बात यह है कि चार दिन तक घायल युवक का अस्पताल में उपचार होता रहा लेकिन किसी को गोली लगने का पता नहीं चला। जब युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई तो पोस्टमार्टम में पता चला की उसके सिर में गोली लगी थी।
नई दिल्ली, धनंजय मिश्रा। केएन काटजू मार्ग थाना क्षेत्र में नए साल का जश्न मनाने अपनी मौसी के घर आये एक युवक की गोली लगने मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि चार दिन तक घायल युवक का अस्पताल में उपचार होता रहा लेकिन किसी को गोली लगने का पता नहीं चला। जब युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई तो पोस्टमार्टम में पता चला की उसके सिर में गोली लगी थी। पुलिस ने मंगलवार को हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिया है। 22 वर्षीय मृतक युवक की पंहचान पंकज तिवारी के रूप में हुई है। वह परिवार के साथ नांगलोई इलाके में रहता था। वह पेशे से ड्राइवर था।
पंकज 31 दिसंबर की रात को पार्टी करने के लिए रोहिणी सेक्टर 16 स्थित मौसी के घर पर आया था। इस दौरान पंकज के मौसेरे भाई एवं दोस्त थे। वह रात करीब सवा 12 बजे घर के बाहर पर फोन पर किसी से बात कर रहा था। इस बीच वह सड़क पर अचानक गिर उसके सिर से खून बह रहा था।
घटना के बाद पंकज के दोस्त आदित्य ने उसे रोहिणी स्थित अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया। इस घटना से पांच-छह दिन पहले पंकज को एक दुर्घटना में सिर पर चोट लगी थी। इसकी वजह से उसके सिर पर काफी टांके आए थे। ऐसे में स्वजन को लगा की उसी दुर्घटना की वजह से पंकज को चक्कर आ गया होगा। ऐसे में स्वजन पुलिस और चिकित्सकों काे पुरानी दुर्घटना के बारे में ही जानकारी दी। अंबेडकर अस्पताल में हालात और गंभीर होने पर पंकज को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां भी सिर में गोली लगने की बात सामने नहीं आई। जब चार जनवरी को इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई तब पोस्टमार्टम में उसके सिर में गोली लगने की बात सामने आई। जिसके बाद पुलिस और स्वजन भी हैरान हो गए। मंगलवार को पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पंकज पर शराब तस्करी के मामले दर्ज थे। घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
गोली चलने की नहीं आई थी आवाज
जब पंकज अचानक सड़क पर गिरे थे तो उस दौरान किसी ने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी। बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर तेज आवाज में गाने बजाए जा रहे थे। ऐसे में हो सकता है कि किसी ने भी गोली आवाज नहीं सुनी हो। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर मामले की जांच कर रही है।
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