अरविंद केजरीवाल ने मंत्रियों को बांटा मंत्रालय, सत्येंद्र जैन को मिला जल बोर्ड
दिल्ली सरकार ने विभागों का बंटवारा कर दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसी भी विभाग को अपने पास नहीं रखा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रामलीला मैदान में पद व गोपनीयता की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य मंत्रियों ने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया। रविवार को शपथ ग्रहण के बाद अरविंद केजरीवाल ने जनसमूह को संबोधित किया था। मगर अवकाश होने के कारण वह सचिवालय नहीं गए थे। सोमवार को केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन व राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली सचिवालय पहुंचकर अपना कार्यभार संभाला। सचिवालय पहुंचने पर दिल्ली सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इनका स्वागत किया। विशेष रूप से मुख्यमंत्री केजरीवाल का कर्मचारी व अधिकारी स्वागत करने पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय में मंत्रियों तथा अधिकारियों के साथ मुलाकात कर दिल्ली की योजनाओं पर चर्चा भी की। इस दौरान कर्मचारी उत्साहित थे। उनका कहना था कि जिस तरह केजरीवाल ने अपने पांच सालों तक जनता के लिए काम किए हैं, इस बार भी वह ऐसा ही करेंगे जिससे दिल्ली की समस्याएं दूर होंगी और दिल्ली विश्वस्तरीय शहर बन सकेगा। आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता भी सचिवालय के आसपास पार्टी की टोपी पहनकर घूम रहे थे। इनमें से कई हरियाणा, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से यहां केजरीवाल से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे।
आप के कार्य से लोग उत्साहित
आप के कार्यकाल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हुए बदलाव और स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए विकास को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। तभी दिल्ली की जनता ने तीसरी बार आप को प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौके दिया है। दिल्ली की जनता ने 70 में से 62 सीटों पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को चुना जबकि भाजपा को कुल आठ सीटें ही मिल पाईं।
इधर, मनीष सिसोदिया को फिर से उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। उन्हें शिक्षा विभाग के साथ फाइनेंस, प्लानिंग, भूमि और भवन, सतर्कता, पर्यटन, सेवा, कला, संस्कृति और भाषा विभाग दिया गया है। दिल्ली जल बोर्ड की बात करें तो यह सत्येंद्र जैन के पास है।
पर्यावरण मंत्रालय कैलाश गहलोत की जगह गोपाल राय को दिया गया है। वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मनीष सिसोदिया की जगह राजेंद्र पाल गौतम को दिया गया है। इधर, बाकी के सभी पुराने मंत्रालय पुराने मंत्रियों के पास ही बरकरार हैं।