प्रदूषण फैलाने वालों पर दस दिन में तीन लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना
दूसरी तरफ लगातार आ रहीं प्रदूषण की शिकायतों के बीच प्रशासन की कार्रवाई भी जारी है। प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम नियमित रूप से क्षेत्र में निरीक्षण कर रही है और लापरवाही मिलने पर चालान भी जारी कर रही है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के लागू होने के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आ रही है। बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। कूड़े में आग, सड़क किनारे पड़े मलबे के ढेर, भवन निर्माण सामग्री, कूड़े के ढेर आसानी से देखने को मिल जाते हैं।
सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स के उदासीन रवैये के चलते रेडलाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान काे लेकर मिलाजुला प्रभाव देखने को मिल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ लगातार आ रहीं प्रदूषण की शिकायतों के बीच प्रशासन की कार्रवाई भी जारी है। प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम नियमित रूप से क्षेत्र में निरीक्षण कर रही है और लापरवाही मिलने पर चालान भी जारी कर रही है। धूल, बायोमास में आग, कूड़े व प्लास्टिक का ढेर, कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट को लेकर पश्चिमी जिले में 17 से 27 अक्टूबर के बीच तीन लाख दस हजार रुपये के 16 चालान जारी किए गए हैं।
इस बीच अधिकारियों की टीम द्वारा 353 साइट का निरीक्षण किया गया। वहीं, दक्षिण-पश्चिमी जिले की बात करें तो मंगलवार को यहां अवैध डंपिंग के खिलाफ पांच हजार रुपये का एक चालान जारी किया गया। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के कार्यभार के कारण प्रदूषणकारी तत्वों के खिलाफ ज्यादा सख्ती बरतना मुश्किल है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के साथ-साथ प्रदूषण के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि लोग गंभीरता को समझें।
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