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Delhi NCR Pollution 2019: रफ्तार धीमी पड़ते ही फिर से दमघोंटू होने लगी हवा

हवा की रफ्तार मंद पड़ते ही दिल्ली एनसीआर की हवा फिर से दमघोंटू होने लगी है। वातावरण में स्मॉग के साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 09:44 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:44 AM (IST)
Delhi NCR Pollution 2019: रफ्तार धीमी पड़ते ही फिर से दमघोंटू होने लगी हवा
Delhi NCR Pollution 2019: रफ्तार धीमी पड़ते ही फिर से दमघोंटू होने लगी हवा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हवा की रफ्तार मंद पड़ते ही दिल्ली एनसीआर की हवा फिर से दमघोंटू होने लगी है। वातावरण में स्मॉग के साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। शुक्रवार से हालात और बिगड़ने के आसार हैं। सफर और मौसम विभाग के मुताबिक प्रदूषण से 11 दिसंबर से पहले राहत मिलने की संभावना नहीं है। वहीं बृहस्पतिवार को हवा की गति महज 4 किलोमीटर प्रति घंटे रही, बादल और कोहरा भी छाया रहा।

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दिसंबर के शुरुआती तीन दिनों में वायु प्रदूषण अपेक्षाकृत कम रहा था, लेकिन बृहस्पतिवार से हवा की गति मंद जाने पर पीएम 2.5 की मात्र तेजी से बढ़ने लगी। सीपीसीबी द्वारा जारी एयर बुलेटिन के अनुसार एनसीआर के कई शहरों में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स बृहस्पतिवार को 382 दर्ज हुआ। सुबह सात बजे ही यह 338 पहुंच गया था, बाद में इसमें तेजी से इजाफा होता चला गया।

एयर क्वालिटी इंडेक्स में सर्वाधिक बुरा हाल गाजियाबाद का है, जहां इंडेक्स 432 पहुंच गया है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा का 417, नोएडा का 414, बुलंदशहर का 404, बल्लभगढ़ का 372, गुरुग्राम का 328 और पलवल का 368 दर्ज हुआ। सफर का पूर्वानुमान है कि शनिवार तक हालात में सुधार नहीं होगी। उधर पराली का धुआं अभी भी दिल्ली पहुंच रहा है। बुधवार को पराली जलाने के 228 मामले सामने आए।

एम्स सहित स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी साझा की

वहीं, दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में बढ़े वायु प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। गुरुवार को वायु प्रदूषण के मुद्दे पर बुलाई गई संसदीय समिति की बैठक में एम्स सहित स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी साझा की। साथ ही बताया कि पिछले वर्षो में वायु प्रदूषण के चलते बीमारियों में करीब 43 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। इनमें सांस से जुड़ी बीमारियां सबसे ज्यादा बढ़ी हैं। कमेटी ने इसे लेकर तुरंत प्रभावी कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर संसदीय समिति की गुरुवार को तीसरी बैठक थी। इसमें करीब 18 सदस्य शामिल हुए। इससे पहले दो बैठकें 15 और 20 नवंबर को भी हो चुकी हैं। हालांकि, इसकी पहली बैठक में गिनती के सिर्फ चार संसद सदस्य और कुछ अधिकारी ही पहुंचे थे। इसके बाद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक को रद कर दिया था। समिति की दूसरी बैठक में कुल 28 सदस्यों में से 23 पहुंचे थे। इसमें अधिकारियों से इस समस्या से निपटने का पूरा प्लान मांगा गया था। इस दौरान पर्यावरण मंत्रलय की ओर से एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया था।

समिति की गुरुवार की बैठक इसलिए अहम थी, क्योंकि इनमें एम्स निदेशक सहित स्वास्थ्य मंत्रलय और वायु प्रदूषण के प्रभावों पर नजर रखने वाली एजेंसियों को भी बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक बैठक में मंत्रलय की ओर से वायु प्रदूषण से मरीजों की बढ़ रही संख्या की जानकारी दी गई है। इनमें सांस से जुड़ी समस्या ज्यादा देखने को मिली है।

प्रदूषण के हॉट स्पॉट और औद्योगिक क्षेत्रों में कार्रवाई तेज करने के निर्देश 

दिल्ली-एनसीआर में फिर से बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की टास्क फोर्स ने बृहस्पतिवार को आपात बैठक कर प्रदूषण के हॉट स्पॉट और औद्योगिक क्षेत्रों में कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा सीपीसीबी ने दिल्ली एनसीआर के निवासियों को निजी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करने का सुझाव भी दिया गया है। टास्क फोर्स के सदस्य एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. टीके जोशी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सीपीसीबी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले एक दो दिन में दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर से अतिगंभीर स्थिति में पहुंच सकता है। इसके मद्देनजर सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और प्रदूषण नियंत्रित के लिए कड़े कदम उठाने का आदेश दिया है।

मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. वीके सोनी ने बैठक में बताया कि अगले पांच दिनों तक दिल्ली में हवा की गति निचले स्तर पर महज चार किमी प्रति घंटे रहने का अनुमान है। वहीं हवा जो अभी उत्तर की तरफ से चल रही है, वो उत्तर-पूर्व में स्थानांतरित होने की संभावना है। इससे शुक्रवार को दिल्ली में वायु की गुणवत्ता और खराब हो सकती है। वहीं अनुमान है कि 11 दिसंबर को दिल्ली में हल्की बारिश हो सकती है जिससे कुछ सुधार होने की संभावना है।

सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण में डीडीए फिसड्डी साबित हुआ है। समीर एप व सोशल मीडिया से मिली शिकायतों के निपटान में डीडीए सबसे पीछे रहा है। सीपीसीबी के अतिरिक्त निदेशक एनके गुप्ता ने बताया कि दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद में प्रतिबंध के बावजूद तोड़फोड़ व निर्माण की घटनाएं सामने आई हैं। 


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