Delhi Pollution Update: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की आज से होगी चौबीसों घंटे निगरानी, CPCB मैदान में उतारेगी 50 टीमें
Delhi Pollution Update सीपीसीबी की टीमें दिन और रात दोनों समय मैदान में सक्रिय रहेंगी। कहां क्या हो रहा है हर घंटे की एक रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। राज्यों को प्रदूषण फैलाने वालों के बारे में बताया जाएगा प्रदूषण की वजह पर अंकुश लगाने के लिए सुझाव दिए जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के तेजी से बढ़ते स्तर से निपटने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने 15 अक्टूबर यानी गुरुवार से मुहिम शुरू करने का एलान किया है। इसके तहत वह दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वालों की पहचान करेगा। साथ ही इसकी रिपोर्ट संबंधित राज्यों को देगा। इसके लिए दिल्ली-एनसीआर में सीपीसीबी की 50 टीमें मैदान में उतरेंगी। सीपीसीबी का यह अभियान 28 फरवरी तक चलेगा।
खास बात यह है कि सीपीसीबी की टीमें दिन और रात दोनों समय मैदान में सक्रिय रहेंगी। कहां क्या हो रहा है, इसकी हर घंटे की एक रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। इस दौरान राज्यों को प्रदूषण फैलाने वालों के बारे में बताया जाएगा तथा प्रदूषण की वजह पर अंकुश लगाने के लिए भी सुझाव दिए जाएंगे। टीमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी जानकारी देंगी। इससे पहले प्रदूषण पर रोकथाम को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर दिल्ली सहित सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक भी कर चुके हैं। इसमें उन्होंने प्रदूषण से निपटने के लिए सभी को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
फिलहाल प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के जिन क्षेत्रों में टीमें तैनात की गई हैं, उनमें दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, झज्जर, पानीपत, सोनीपत, भिवंडी, अलवर, भरतपुर आदि शामिल हैं। इन सभी शहरों में टीम कूड़ा जलने, धूल आदि के उड़ने पर भी नजर रखेगी।
65 फीसद परिवारों में कम से कम एक व्यक्ति प्रदूषण से पीड़ित
दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण से लोग कितने बेहाल हैं, इसका अंदाजा हाल ही में आए एक सर्वेक्षण से लगाया जा सकता है। इसके मुताबिक, क्षेत्र के 65 फीसद से ज्यादा परिवारों में एक या उससे ज्यादा व्यक्ति प्रदूषण से जुड़ी किसी समस्या से पीडि़त हैं। इनमें 46 फीसद परिवार कफ, कोल्ड और गले की समस्याओं, आंखों की जलन से पीडि़त हैं, जबकि 30 फीसद परिवारों में सांस लेने की समस्या से कोई न कोई पीडि़त है।
प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं को लेकर लोकल सर्किल की ओर से कराए गए इस सर्वे में करीब 15 हजार लोगों की राय ली गई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदूषण को लेकर राज्य और केंद्र की उदासीनता को भी सामने रखा। सिर्फ 22 फीसद लोगों ने ही प्रदूषण को लेकर केंद्र और राज्यों के कामकाज पर संतोष जताया है।
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