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Pollution In Delhi: पाकिस्तान व नेपाल के प्रदूषक तत्व दिल्ली की हवा में घोल रहे जहर

Pollution In Delhi देश की राजधानी दिल्ली में सर्दी के दौरान प्रदूषण बढ़ने के पीछे तीन कॉरिडोर जिम्मेदार हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:41 AM (IST)
Pollution In Delhi: पाकिस्तान व नेपाल के प्रदूषक तत्व दिल्ली की हवा में घोल रहे जहर
Pollution In Delhi: पाकिस्तान व नेपाल के प्रदूषक तत्व दिल्ली की हवा में घोल रहे जहर

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली की हवा में पाकिस्तान और नेपाल के प्रदूषक तत्व भी जहर घोल रहे हैं। इन प्रदूषक तत्वों की मात्रा ज्यादा बताई जा रही है। इनकी वजह से सर्वाधिक वृद्धि पीएम 10 में देखने को मिली है। हालांकि देश-विदेश के विशेषज्ञों की एक टीम अभी इस पर लगातार अध्ययन कर रही है। दिल्ली में जाड़ों के दौरान प्रदूषण का कहर सबसे ज्यादा रहता है। इस प्रदूषण के स्त्रोत पता करने के लिए ही आइआइटी कानपुर व दिल्ली, एटमोस्फेरिक साइंस डिविजन एंड द जियोसाइंस डिविजन अहमदाबाद, लेबोरेटरी ऑफ एटमोस्फेरिक केमिस्ट्री स्विट्जरलैंड और फ्रांस के विशेषज्ञों की एक टीम ने अध्ययन किया है। यह अध्ययन 2018 और 2019 के जाड़ों में किया गया। एक नई ऑनलाइन तकनीक रियल टाइम सोर्स अपोर्समेंट के जरिए किए गए इस अध्ययन में एक- एक घंटे के आंकड़ों पर निगरानी की गई।

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तीन कॉरिडोर से आ रहा प्रदूषण

इस अध्ययन में पाया गया है कि दिल्ली में प्रदूषक तत्व तीन कॉरिडोर से पहुंचते हैं। पहला है, उत्तर- पश्चिमी-पूर्वी और उत्तर-पूर्वी कॉरिडोर। इस कॉरिडोर से धूल भरी आंधी अपने साथ प्रदूषण लाती है। इस आंधी में एल्यूमिनियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो पीएम 10 में 25 फीसद तक पाई गई है। दूसरा है, उत्तर-पश्चिमी कॉरिडोर। इस कॉरिडोर के जरिये पाकिस्तान, हरियाणा व पंजाब से क्लोरीन, ब्रोमिन और सेलेनियम जैसे खतरनाक तत्व दिल्ली पहुंचते हैं। इसी कॉरिडोर के अंतर्गत उत्तर पूर्व दिशा में उत्तर प्रदेश से दिल्ली की हवा में क्रोमियम, निकेल और मैगनीज आकर मिलते हैं। तीसरा कॉरिडोर है, पूर्वी कॉरिडोर। यहां नेपाल और पूर्व उत्तर से कॉपर, कैडमियम, लेड और सल्फर जैसे प्रदूषक तत्व दिल्ली की हवा में घुलते हैं।

इन तीन समय ज्यादा रहता है प्रदूषण

अध्ययन के मुताबिक दिल्ली में जाड़ों के दौरान रात 10 बजे, तड़के तीन बजे और सुबह आठ बजे के आसपास प्रदूषण सर्वाधिक होता है।

35 में से 26 प्रदूषक तत्वों की मात्रा ज्यादा

इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि दिल्ली की हवा में 35 प्रकार के प्रदूषक तत्व शामिल हैं। इनमें भी 26 ऐसे हैं जिनकी मात्रा कहीं ज्यादा है।

एल्यूमिनियम और लेड सर्वाधिक

अध्ययन में पीएम 2.5 और पीएम 10 पर मुख्य रूप से विचार किया गया। पाया गया कि पीएम 10 में एल्यूमिनियम और लेड की मात्रा सर्वाधिक क्रमश: 25 और 19 फीसद है।

प्रो. एसएन त्रिपाठी (विभागाध्यक्ष, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आइआइटी कानपुर) ने बताया कि यह अध्ययन आइआइटी दिल्ली के कैंपस में लगे उपकरणों की मदद से किया गया और इसकी विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को दे दी गई है। इसमें प्रदूषण के परंपरागत स्त्रोतों से अलग नए स्त्रोत तलाशने पर काम किया गया है। इससे और भी बहुत से पहलुओं पर काम किया जा सकेगा। हालांकि हमारी टीम भी अध्ययन के कुछ और सवालों का जवाब खोजने के लिए काम जारी रखे हुए है।


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