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Delhi Congress: नए अध्यक्ष का एलान होते ही कांग्रेस में बगावत की बू, सामने आए अजय माकन

Political Crisis in Delhi Congress दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार शून्य सीटों पर सिमटने वाली दिल्ली कांग्रेस को अनिल चौधरी के रूप में नया मुखिया मिल गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 07:35 PM (IST)
Delhi Congress: नए अध्यक्ष का एलान होते ही कांग्रेस में बगावत की बू, सामने आए अजय माकन
Delhi Congress: नए अध्यक्ष का एलान होते ही कांग्रेस में बगावत की बू, सामने आए अजय माकन

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Political Crisis in Delhi Congress: : दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार शून्य सीटों पर सिमटने वाली दिल्ली कांग्रेस को अनिल चौधरी के रूप में नया मुखिया मिल गया है, लेकिन बगावत के आसार भी बनने वाले हैं। यही वजह है कि दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को बाकायदा पत्र जारी करके कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं से अपील करनी पड़ी है। 

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अजय माकन की अपील

'आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक कठिन दौर से गुजर रही है। कुछ ताक़तें हमारे राष्ट्र को और इसकी एकता को क़ायम रखने वाली कांग्रेस को कमजोर करने में लगी हैं। जो लोग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विचारधारा से प्रेम करते हैं, उनका यह फ़र्ज़ बन जाता है कि वह इस कठिन समय में पार्टी को और मज़बूती प्रदान करें। इस संदर्भ में यह और भी ज़रूरी हो जाता है, कि जो भी निर्णय पार्टी आलाकमान ले उसे हम आंख बंद कर स्वीकार करें। पार्टी में पद संबंधित हमारी अपनी भी कुछ इच्छाएँ एवं आशाएं हो सकतीं हैं-परन्तु यह समय कुछ मांगने का नहीं अपितु पार्टी पर सब कुछ न्योछावर करने का है। क्योंकि, पार्टी है तो हमारा भी अस्तित्व है। पार्टी की विचारधारा सर्वोपरी है और हम इसे कमजोर नहीं होने देंगे। इसी लिए, आइए हम सब, दिल्ली प्रदेश के नवनियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष एवं इनकी पूरी टीम का खुले दिल से स्वागत कर इनका पूरा सहयोग करें।'

जय हिंद-जय कांग्रेस!

- आपका अजय माकन

बता दें कि अनिल चौधरी को दिल्ली कांग्रेस का नया मुखिया चुनने के साथ पार्टी ने अभिषेक दत्त, जयकिशन, मुदित अग्रवाल, अली हसन और शिवानी चोपड़ा को दिल्ली का उपाध्यक्ष बनाया है। शिवानी चोपड़ा पूर्व दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की बेटी हैं और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में कालकाजी सीट से हारी थीं।

दिल्ली में भी सुलग रही बगावत की चिंगारी

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के बाद 2020 के भी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने वाली कांग्रेस  अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। लगातार 2 बार शून्य पर सिमटने वाली कांग्रेस के नेताओं को भी यकीन नहीं हो रहा है लगातार 15 साल तक दिल्ली पर राज करने वाली पार्टी का ऐसा हस्र हुआ है। ऐसे कांग्रेस नेताओं की लंबी फेहरिस्त जो प्रदेश के नेताओं से नाराज हैं और भविष्य की राजनीति के मद्देनजर बगावत तक करने पर आमादा नजर आ रहे हैं। 

प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा के संपर्क में

दिल्ली कांग्रेस की बुरी हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ नेताओं ने तो बाकायदा कांग्रेस को अलविदा कहने तक का मन बना लिया है। ऐसे नेता कभी भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का एलान कर सकते हैं। ऐसे नेताओं ने अभी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। भाजपा अपने संगठन को और मजबूत करने के लिए ऐसे नेताओं को गले लगा सकती है। 

शून्य पर सिमटी कांग्रेस, मत फीसद भी गिरा

कहने को दिल्ली में कांग्रेस को लगातार शन्यू पर सिमटना पड़ा, लेकिन इस बार हालात ज्यादा बदतर रहे, क्योंकि इस दफा तो वोट फीसद भी बुरी तरह गिर गया। 90 फीसद से अधिक कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत तक  जब्त हो गई। चुनाव अभियान समिति के प्रभारी कीर्ति आजाद अपनी पत्नी पूुनम आजाद और कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा अपनी बेटी तक को चुनाव नहीं जिता सके। इतना ही नहीं, शीला दीक्षित के साथ बनाए गए कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव और हारुन यूसुफ भी सम्माजनक वोट हासिल नहीं कर पाए। 


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