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Delhi: ईकॉमर्स साइट से सामान खरीद रहे हैं तो हो जाएं सर्तक, वरना लग सकता है लाखों का चूना

तीरथ शर्मा ने ठग के बताए खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया। कार लेने के बाद उन्होंने अथरिटी से दस्तावेज की जांच कराई गई तो वह फर्जी निकला। कार का नंबर इंजन नंबर और चेचिस नंबर दस्तावेज में दर्ज जानकारी से अलग थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 09:10 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 09:10 PM (IST)
Delhi: ईकॉमर्स साइट से सामान खरीद रहे हैं तो हो जाएं सर्तक, वरना लग सकता है लाखों का चूना
चितरंजन पार्क इलाके से चुराई गई थी बेची गई कार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। यदि आप ईकॉमर्स साइट से कोई पुराना सामान खरीद रहे हैं तो पहले उसकी अच्छी तरह से छानबीन कर ले। क्योंकि हो सकता है वह सामान चोरी का हो। क्राइम ब्रांच में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। एक शख्स ने ओएलएक्स पर चोरी की कार का विज्ञापन दिया था। ठग ने कार का फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिया था। जिससे कार खरीदने वाले झांसे में आ गए। दो लाख 55 हजार रुपये में कार खरीदने के बाद जब उन्होंने संबंधित विभाग से उसकी जांच कराई तो पता चला कि कार चोरी की है। इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर क्राइम ब्रांच ठग की तलाश में जुट गई है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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पुलिस के मुताबिक सीमापुरी निवासी तीरथ शर्मा पुरानी कार खरीदने और बेचने का काम करते हैं। उन्होंने कमीशन के आधार पर कारोबार में मदद के लिए शकील और रिजवान को रख रखा है। इसी क्रम में गत दिनों शकील और रिजवान ने ओएलएक्स पर एक कार का विज्ञापन देखा था। कार काफी अच्छी हालत में थी। इसकी जानकारी उन्होंने तीरथ शर्मा को दी। वे कार खरीदने को तैयार हो गए और उन्होंने विज्ञापन देने वाले शख्स को कार लेकर सीमापुरी इलाके में बुलाया। वहां उन्होंने कार के दस्तावेज जांच के बाद टेस्ट ड्राइव भी किया गया। आरोपित अविनाश ठाकुर नाम के शख्स ने बताया कि उक्त कार उसके चाचा भगवान राम की है।

तसल्ली होने के लिए पीड़ित ने फोन पर कार मालिक से बात की। सौदा 2 लाख 55 हजार रुपये में तय हुआ। जिसके बाद तीरथ शर्मा ने करीब आधे रुपये नकद जबकि बकाया राशि उन्होंने ठग के बताए खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया। कार लेने के बाद उन्होंने अथरिटी से दस्तावेज की जांच कराई गई तो वह फर्जी निकला। कार का नंबर, इंजन नंबर और चेचिस नंबर दस्तावेज में दर्ज जानकारी से अलग थे। छानबीन में पता चला कि उक्त कार चितरंजन पार्क इलाके से चुराई गई थी। बाद में पीड़ित ने कार के रजिस्ट्रेशन दस्तावेज पर दर्ज कथित कार मालिक भगवान राम के पते पर उसे ढूंढने गए। लेकिन वह पता भी फर्जी निकला। जिसके बाद पीड़ित ने ठगी की शिकायत पुलिस में की।

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