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Delhi Riots: पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल की याचिका का पुलिस ने किया विरोध, कोर्ट को वजह भी बताई

दंगे के मामले में जमानत की शर्त में बदलाव करने की मांग करते हुए आरोपित पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य नताशा नरवाल द्वारा दायर अर्जी का बुधवार को दिल्ली पुलिस ने विरोध किया। अर्जी में उसने कहा था कि उसे पीएचडी के लिए शोध करने को बाहर जाना पड़ता है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 07:42 PM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 07:42 PM (IST)
Delhi Riots: पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल की याचिका का पुलिस ने किया विरोध, कोर्ट को वजह भी बताई
पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य नताशा नरवाल file photo

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे के मामले में जमानत की शर्त में बदलाव करने की मांग करते हुए आरोपित पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य नताशा नरवाल द्वारा दायर अर्जी का बुधवार को दिल्ली पुलिस ने विरोध किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में पुलिस ने कहा कि नताशा रियायत मिलने पर साक्ष्य नष्ट कर सकती है या फरार हो सकती है। इसलिए उसकी मांग पर गौर न किया जाए। नताशा नरवाल दंगे की साजिश रचने समेत तीन मामलों में आरोपित है। उस पर गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत धाराएं भी लगी हैं।

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जाफराबाद इलाके में हुई हिंसा के मामले में पिछले साल सितंबर में कोर्ट ने जमानत दे दी थी। उस वक्त कोर्ट ने आदेश में शर्त लगाई थी कि वह उसकी इजाजत के बगैर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से बाहर नहीं जा सकती। हाल में नताशा नरवाल ने इस शर्त में बदलाव की मांग करते हुए अर्जी दायर की थी। अर्जी में उसने कहा था कि उसे पीएचडी के लिए शोध करने को बाहर जाना पड़ता है। साथ ही अपने पैतृक आवास भी जाना होता है, जिसके लिए हर बार कोर्ट से अनुमति मांगनी पड़ती है। लिहाज इजाजत लेने की शर्त को हटाया जाए।

अतिरिक्त लोक अभियोजक राजीव कृष्ण शर्मा ने इस अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि नताशा नरवाल पर दंगे की साजिश रचने का आरोप है। अगर शर्त में बदलाव कर उसे बिना इजाजत दिल्ली से बाहर जाने की इजाजत दे दी जाती है तो वह साक्ष्य नष्ट कर सकती है या फरार हो सकती है। उन्होंने प्रश्न पूछा कि ‘अगर कल नताशा विदेश चली जाए या फरार हो जाए तो उसे कौन पकड़ेगा।’ साथ ही कहा कि जब दंगे की साजिश रची गई और दंगे हुए, तब भी वह पीएचडी कर रही थी। इस दंगे में कई लोग मर गए। कोर्ट समझ सकती है कि वह पीएचडी के नाम पर क्या कर रही थी।

इस बीच नताशा की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट को बताया कि दो अन्य मामलों में जमानत देते वक्त कोर्ट ने कोई शर्त नहीं लगाई है। लिहाजा इस मामले में भी इस शर्त को हटाया जाए।


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