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पीएम 23 फरवरी को यूपी को दे सकते हैं दो बड़े तोहफे, दिल्ली-हरियाणा को भी होगा लाभ

केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के मुताबिक, पीएम मोदी 23 फरवरी को जेवर एयर पोर्ट का शिलान्यास कर सकते हैं। जेवर हवाई अड्डा के निर्माण के लिए सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 07:52 AM (IST)
पीएम 23 फरवरी को यूपी को दे सकते हैं दो बड़े तोहफे, दिल्ली-हरियाणा को भी होगा लाभ
पीएम 23 फरवरी को यूपी को दे सकते हैं दो बड़े तोहफे, दिल्ली-हरियाणा को भी होगा लाभ

नोएडा, जेएनएन। आगामी 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश को दो बड़े तोहफे दे सकते हैं। पहला ग्रेटर नोएडा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय कल्चरल सेंटर का उद्घाटन और दूसरा इसी दिन जेवर एयरपोर्ट का भी शिलान्यास किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि कल्चरल सेंटर का उद्घाटन और जेवर इंटरनेशनल एयर पोर्ट का शिलान्यास पीएम मोदी 23 फरवरी को कर सकते हैं। यह जानकारी खुद गौतमबुद्ध नगर से सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने दी है। 

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केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 फरवरी को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर सकते हैं। गौतमबुद्धनगर के सांसद के मुताबिक, जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। करीब पांच हजार हेक्टेयर में बनने वाला जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल पश्चिमी यूपी के दो दर्जन  जिलों के लोगों को लाभ होगा, बल्कि इससे दिल्ली के साथ हरियाणा की बड़ी आबादी को भी फायदा होगा। 

डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि 23 फरवरी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय कल्चरल सेंटर का ग्रेटर नोएडा में किया जाएगा और उद्घाटन के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे और सब कुछ ठीक रहा तो इसी दिन जेवर एयरपोर्ट का भी शिलान्यास किया जाएगा। इन दोनों योजनाओं को लेकर प्रदेश और केंद्र की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इन दोनों योजनाओं पर 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जेवर एयरपोर्ट की जमीन खरीदने पर 5000 करोड़ से ज्यादा का खर्च आ रहा है। 

केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने बताया कि 40 विदेशी कंपनियों ने जेवर क्षेत्र में ऑफिस व फैक्ट्री खोलने के लिए सरकार से जमीन मांगी है। जेवर एयरपोर्ट बनने से एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि जेवर भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। दिल्ली एयर पोर्ट 24 सौ हेक्टेयर में है, जबकि मुंबई का एयरपोर्ट 14 सौ हेक्टेयर में है। उन्होंने बताया कि पतंजलि समूह ने जेवर एयर पोर्ट के नजदीक अपना उद्योग स्थापित करने का फैसला लिया है, जिससे विदेशों में आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्यात आसानी से हो पाएगा। 

 दिल्ली के आजीआइ एयरपोर्ट से दोगुना होगी क्षमता
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (आइजीआइ) क्षेत्रफल के लिहाज से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से काफी पीछे रह जाएगा। आइजीआइ का क्षेत्रफल 2066 हेक्टेयर है तो नवी मुंबई में बनने जा रहे एयरपोर्ट का क्षेत्रफल भी 2320 हेक्टेयर है, जबकि जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट पांच हजार हेक्टेयर में बनेगा। जेवर में प्रस्तावित एयरपाेर्ट की क्षमता भी दिल्ली से दाेगुनी हाेगी। अभी एयरपाेर्ट की क्षमता प्रतिवर्ष 3.5 कराेड़ यात्रियाें की हाेगी। यहां एयर कार्गाे हब भी बनाया जाएगा। इस एयरपाेर्ट से माल ढुलाई पर खासताैर पर जाेर हाेगा।

20 करोड़ यात्री होंगे
2050 तक जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से वर्ष 2050 तक सालाना बीस करोड़ यात्री हवाई सफर करेंगे। इस मामले में भी जेवर एयरपोर्ट आइजीआइ को पीछे छोड़ देगा। आइजीआइ से वर्तमान में छह करोड़ यात्री सालाना हवाई सफर करते हैं। 2022-23 तक यात्री संख्या बढ़कर दस करोड़ सालाना अधिकतम होने का अनुमान है। इसके बाद यहां यात्री संख्या बढ़ाने की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने जागरण को बताया कि भारी संख्या में जनता की अाेर से मांग हुई है कि जेवर एयरपाेर्ट का नाम अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर कर दिया जाए। इसके लिए प्रधानमंत्री से बात हुई है। उनके हाथाें शिलान्यास कराने की इच्छा है। एयरपाेर्ट के नाम पर जनभावनाअाें का ध्यान रखने का भी निवेदन प्रधानमंत्री जी से किया गया है। सकारात्मक परिणाम अाने चाहिए।

 क्षेत्रफल के आधार पर जेवर से बड़े विश्व के एयरपाेर्ट

  • किंग फहद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (सऊदी अरब) - 77600 हेक्टेयर
  • डेनवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) - 13, 571 हेक्टेयर
  • डलास / फोर्ट वर्थ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) - 6963 हेक्टेयर
  • ऑरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) - 5383 हेक्टेयर
  • चीन के शंघाई, अमेरिका के वाशिंगटन अाैर फ्रांस के पेरिस से बड़ा
  • वाशिंगटन डुलल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (संयुक्त राज्य अमेरिका) )- 4856 हेक्टेयर
  • शंघाई पुडोंग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (शंघाई, चीन) - 3,988 हेक्टेयर
  • पेरिस चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डा (पेरिस, फ्रांस) - 3237 हेक्टेयर
  • यात्रियाें के हिसाब से दुनिया के दाे बड़े एयरपाेर्ट
  • अमेरिका का अटलांटा एयरपाेर्ट - 10. 41 कराेड़ यात्री प्रतिवर्ष
  • चीन का बिजिंग एयरपाेर्ट - 9. 43 कराेड़ यात्री प्रतिवर्ष

पांच साल बाद शुरू हो जाएंगी उड़ानें

जेवर एयरपोर्ट से विमान सेवाओं का संचालन भी 2023-24 में शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में जेवर से आठ करोड़ सालाना यात्रियों के हवाई यात्रा करने का अनुमान है। साल दर साल यात्री संख्या में इजाफा होगा। आइजीआइ की क्षमता पूरी होने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाओं के बढ़ने के साथ यात्री संख्या भी बढ़ेगी।

पहले चरण में तीन हजार हेक्टेयर में होगा

जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण तीन हजार हेक्टेयर का होगा। इसमें दो रनवे तैयार किए जाएंगे। एक रन वे जहाजों के उड़ान भरने व दूसरा उतरने के लिए होगा। यात्रियों का दबाव बढ़ने एवं उड़ान संख्या बढ़ने पर विस्तार का दूसरा चरण होगा। हालांकि आइजीआइ पर तीन रनवे से जहाज उड़ान भरते व उतरते हैं।

कनेक्टिविटी के मामले में भी होगा बेजोड़

जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी बेजोड़ होगी। ग्रेटर नोएडा से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मेट्रो और पॉड से जोड़ने की भी योजना है। दो ओर से यमुना एक्सप्रेस वे और पलवल खुर्जा एक्सप्रेस वे से जुड़ा होगा। अन्य दो साइट में 130 मीटर सड़क व सौ मीटर चौड़ी सड़क से कनेक्टिविटी दी जाएगी। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट पहुंचने किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।


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