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9 हजार कर्मचारियों के PF का 6 करोड़ रुपये डकार गए जालसाज, ऐसा हुआ खुलासा Noida News

216 कंपनियों में नौकरी करने वाले करीब 9 हजार कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) के करीब 6 करोड़ रुपये जालसाज डकार गए हैं।

By Edited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 07:28 PM (IST)
9 हजार कर्मचारियों के PF का 6 करोड़ रुपये डकार गए जालसाज, ऐसा हुआ खुलासा Noida News
9 हजार कर्मचारियों के PF का 6 करोड़ रुपये डकार गए जालसाज, ऐसा हुआ खुलासा Noida News

नोएडा, जेएनएन। जिले में स्थित 216 कंपनियों में नौकरी करने वाले करीब 9 हजार कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) के करीब 6 करोड़ रुपये जालसाज डकार गए हैं। जालसाजों ने योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया। क्षेत्रीय भविष्य निधि विभाग को इसकी भनक लगने में करीब 8 साल लग गए। एडिशनल सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर की स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट से मामले का पर्दाफाश हुआ।

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इसमें पाया गया है कि कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ को 184 बैंक खातों में ट्रांसफर कराकर जालसाजों ने करोड़ों रुपये की ठगी की है। दिल्ली स्थित मुख्यालय ने क्षेत्रीय भविष्य निधि विभाग को धोखाधड़ी की जांच करने का निर्देश दिया है।

इस तरह जालसाजों ने कंपनियों से मिल कर किया खेल

दरअसल, स्पेशल ऑडिट में पाया गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 216 कंपनियों में नौकरी करने वाले करीब 9 हजार कर्मचारियों को पीएफ का लाभ नहीं मिला है। कंपनियों ने इन कर्मचारियों को पीएफ का पैसा दिया है, लेकिन वह पैसा किसी दूसरे बैंक खाते में भेजा गया है। सबसे पहले जालसाजों ने कुछ लोगों के बैंक खाते खरीदे। इसके बाद कंपनी कर्मचारियों व मालिकों से मिलीभगत कर जालसाजी को अंजाम दिया। कंपनी ने अपने कर्मचारियों की जो सूची पीएफ विभाग को सौंपी, उसमें कर्मचारियों का नाम सही है, लेकिन उनका बैंक खाता बदल दिया गया। इसमें कर्मचारी व कंपनी मालिक के हस्ताक्षर भी हैं। कर्मचारी व कंपनी मालिक के डिजिटल हस्ताक्षर होने के बाद उनके बैंक खाते बदले गए।

सैकड़ों कर्मचारियों का पीएफ एक ही खाते में भेजा

जालसाजों ने धोखाधड़ी करने के लिए 184 बैंक खातों का इस्तेमाल किया। इन खातों में ही कुल 216 कंपनियों में कार्यरत करीब 9000 कर्मचारियों का पीएफ भेजा गया है। वर्ष 2009 से 2017 तक एक ही खाते में 100 से एक हजार कर्मचारियों का पीएफ भेजा गया है।

विभाग को इसलिए पकड़ने में हुई देरी

विभाग का कहना है कि कंपनी से जो भी कर्मचारियों की सूची दी जाती है, उस पर कर्मचारी व कंपनी मालिक का हस्ताक्षर होता है। इससे यह माना जाता है कि कंपनी ने कर्मचारी का सत्यापन किया है और कर्मचारी भी संतुष्ट है। विभाग के पास कर्मचारियों के बैंक खाते के सत्यापन की व्यवस्था नहीं है। पहले सारा काम मैनुअली होता था। इसलिए भी पकड़ना मुश्किल था।

फंसे लोगों पर परेशान करने का आरोप

इस फर्जीवाड़े में फंसे लोग अब विभाग के अधिकारियों व पैरवी कर रहे पैनल के वकील को परेशान करने लगे हैं। पैनल के वकील डीके सिंह का आरोप है कि उनके बारे में फर्जी वीडियो बना कर वायरल किया जा रहा है। उन्हें पैनल से हटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सोमवार को सीजेएम कोर्ट में फर्जी वीडियो वायरल करने व धमकी देने वालों के खिलाफ शिकायत की है।

तीन कंपनियों में तीन करोड़ का फर्जीवाड़ा

जिले में स्थित तीन कंपनियों में करीब 3 करोड़ रुपये पीएफ का फर्जीवाड़ा किया गया है। इन तीनों कंपनियों की जांच दिल्ली स्थित मुख्यालय से की जा रही है। इसमें शामिल एक कंपनी में करीब 2.76 करोड़ रुपये, दूसरी में 32 लाख और तीसरी कंपनी में करीब 30 लाख रुपये पीएफ का पैसा चंद खातें में लिया गया है।

क्षेत्रीय भविष्य निधि विभाग के पैनल वकील डीके सिंह ने बताया कि एडिशनल सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर के स्पेशल ऑडिट में 216 कंपनियों में 9 हजार कर्मचारियों के पीएफ का पैसा 184 बैंक खाते में ट्रांसफर कराने की बात सामने आई है। जालसाजों ने कंपनी के कर्मचारी व कुछ मालिकों से मिलीभगत कर कर्मचारियों के खाते बदल दिए हैं। मामले की पुलिस रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रही है। इसलिए अब कोर्ट के जरिये रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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