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जलाशयों से 50 मीटर के दायरे में नहीं खुलेंगे पेट्रोल पंप, देशभर में लागू होगा CPCB का आदेश

Petrol pumps News जो पेट्रोल पंप पहले से खुले हुए हैं उन्हें भी समय-समय पर वहां के भूजल और मिट्टी की गुणवत्ता जांच करानी होगी। एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पेट्रोल पंपों को लेकर संशोधित गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 08:32 AM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 08:43 AM (IST)
जलाशयों से 50 मीटर के दायरे में नहीं खुलेंगे पेट्रोल पंप, देशभर में लागू होगा CPCB का आदेश
जलाशयों से 50 मीटर तक के दायरे में नहीं खुल सकेंगे पेट्रोल पंप, देशभर में लागू होगा आदेश

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। नदी, झील, तालाब, वेटलैंड, नहर इत्यादि किसी भी जलाशय के आसपास 50 मीटर तक अब कोई पेट्रोल पंप नहीं खुल सकेगा। जो पेट्रोल पंप पहले से खुले हुए हैं, उन्हें भी समय-समय पर वहां के भूजल और मिट्टी की गुणवत्ता जांच करानी होगी। एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पेट्रोल पंपों को लेकर संशोधित गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। पूर्व में सीपीसीबी ने पेट्रोल पंपों के लिए सात जनवरी 2020 को गाइडलाइंस जारी की थी। पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के मद्देनजर इसमें तेल विपणन कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि पेट्रोल पंप स्कूलों, अस्पतालों और रिहाइशी इलाके से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर होने चाहिए। तेल कंपनियों को नए पेट्रोल पंपों पर वैपर रिकवरी सिस्टम (वीआरएस) लगाने का निर्देश भी दिया गया था। बाद में एनजीटी ने गाइडलाइंस में जलाशयों को भी शामिल करने का निर्देश दिया।

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इसी निर्देश के आलोक में सीपीसीबी ने दो दिन पहले 16 अगस्त को पेट्रोल पंपों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। पुराने पेट्रोल पंपों के साथ-साथ जलाशयों से 50 मीटर की दूरी पर खुलने वाले नए पेट्रोल पंपों को भी 100 मीटर तक के दायरे में भूजल और मिट्टी की जांच करनी होगी। मिट्टी की जांच जहां पेट्रोल पंप के स्टोरेज टैंक के बगल से ही बोरवेल के जरिये की जानी है, वहीं भूजल की जांच 120 डिग्री पर यानी तीन दिशाओं में करनी है। शुरुआती छह माह में यह जांच बार- बार और बाद में साल भर में एक बार करनी है। जांच के नमूने तेज विपणन कंपनियों की टीम द्वारा लिए जाएंगे तथा इनकी जांच भी केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में ही होगी।

नई गाइडलाइंस में भूजल की जांच के लिए तय मानक

  • पेट्रोलियम हाइड्रो कार्बन (पीएचसी) : .6 मिलीग्राम प्रति लीटर
  • बैंजीन : .01 मिलीग्राम प्रति लीटर
  • टायलिन : .7 मिलीग्राम प्रति लीटर
  • जायलिन : .5 मिलीग्राम प्रति लीटर
  • एमटीवीई (मिथाइल, थर्सरी, बूटाइल इथर) : .013 मिलीग्राम प्रति लीटर
  • पोली साइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रो कार्बन (पीएएच) : .0001 मिलीग्राम प्रति लीटर

मिट्टी की जांच के लिए तय मानक

  • पेट्रोलियम हाइड्रो कार्बन (पीएचसी) : 5000 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम
  • बैंजीन : पांच मिलीग्राम प्रति किलोग्राम
  • टायलिन : 30 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम
  • जायलिन : 30 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम
  • एमटीवीई (मिथाइल, थर्सरी, बूटाइल इथर) : 100 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम
  • पोली साइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रो कार्बन (पीएएच) : 40 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम

सीपीसीबी के पूर्व अपर निदेशक ने जताई आपत्ति

सीपीसीबी के पूर्व अपर निदेशक डॉ. एस के त्यागी ने पेट्रोल पंपों के लिए संशोधित गाइडलाइंस में भूजल और मिटटी की जांच के लिए तय मानकों पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मानक तय करते हुए विशेषज्ञों से राय नहीं ली गई। जो रसायन भूजल के लिए थोड़ी मात्रा में भी हानिकारक हो सकते हैं, वो मिटटी के लिए भी फायदेमंद नहीं हैं। लेकिन दोनों के ही मानकों में काफी अंतर देखने को मिलता है। इसलिए तय मानकों पर एक बार पुनर्विचार किया जाना चाहिए। 


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