इंद्रजीत गुप्ता मार्ग में पार्किग की समस्या से लोगों को हो रही परेशानी
इंद्रजीत गुप्ता मार्ग आइटीओ से राउज एवेन्यू कोर्ट माता सुंदरी कॉलेज सिविक सेंटर लोकनायक अस्पताल व जीटीबी अस्पताल जाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता नई दिल्ली स्थित इंद्रजीत गुप्ता मार्ग पर पार्किग की समस्या के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, इसी मार्ग पर अतिक्रमण करने वालों की भी भरमार है। यहां के लोगों का कहना है कि पिछले पांच सालों में यहां की सुध नहीं ली गई है। इस वजह से यहां पर वर्षो से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
सड़क के दोनों ओर वाहनों की पार्किग
इंद्रजीत गुप्ता मार्ग आइटीओ से राउज एवेन्यू कोर्ट, माता सुंदरी कॉलेज, सिविक सेंटर, लोकनायक अस्पताल व जीटीबी अस्पताल जाने के लिए प्रयोग किया जाता है। ऐसे में प्रतिदिन इस मार्ग पर अधिक संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। वहीं, इसी मार्ग पर सड़क के दोनों ओर वाहनों की पार्किग की जाती है। ऐसे में दिनभर यह सड़क पार्किग स्थल में तब्दील रहती है।
लोगों को परेशानी
लोगों का कहना है कि सुबह से ही यहां पर कुछ वाहन आकर खड़े हो जाते हैं, जिनकी आड़ में अन्य वाहनों की भी यहां पर लाइन लग जाती है। इससे यहां पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों ने बताया कि कई बार यहां पीक आवर में जाम की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में यहां पर शाम के समय वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिल जाएंगी।
अतिक्रमण के कारण लोगों को होती है परेशानी
इस मार्ग पर कुछ दूर चलने पर अतिक्रमण की भरमार भी देखने को मिल जाएगी। यहां कुछ लोगों ने सड़क पर गाड़ी की मरम्मत करने के अड्डे बना रखे हैं। इससे सड़क पर निकलने वाले लोगों को परेशानी होती है। यहां कुछ लोगों का कहना है कि इस संबंध में कई बार शिकायत भी की, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। वहीं, इस मार्ग पर जगह-जगह रेहड़ी पटरी वालों का भी अतिक्रमण देखने को मिल जाएगा।
फुटपाथ पर भी नहीं है चलने के लिए जगह
इस मार्ग पर कहने को फुटपाथ तो है, लेकिन इस पर चलने के लिए जगह नहीं है। फुटपाथ पर कुछ लोगों ने खाने पीने से लेकर बिक्री के सामानों की दुकानें लगा रखी हैं। ऐसे में कॉलेज से आने वाली छात्रओं के साथ-साथ अन्य लोगों को भी परेशानी होती है। लोगों ने बताया कि फुटपाथ पर जगह न होने के कारण दृष्टिबाधित लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पर वाहनों के बीच में चलने को मजबूर हैं।