Delhi Coronavirus News Update: ट्रेनों-बसों में सफर के दौरान लोग नहीं लगा रहे मास्क
प्राइवेट अंतरराज्यीय बसों के बाहर खड़े लोग चालान के डर से ही मास्क लगाते हैं लेकिन बसों के अंदर पहुंचने के बाद मास्क या तो निकाल दे रहे हैं या फिर उसे नाक के नीचे खिसका लेते हैं।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में दीपावली मनाने अपने गांव-घर जाने की होड़ मची है। इस कारण ट्रेनों व बसों में ज्यादा भीड़ हो रही है। लोग संक्रमण की चिंता किए बगैर धड़ल्ले से यात्र कर रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात तो यह है कि प्राइवेट अंतरराज्यीय बसों में तो लोग मास्क भी नहीं लगा रहे हैं। प्राइवेट अंतरराज्यीय बसों के बाहर खड़े लोग चालान के डर से मास्क लगाते हैं, लेकिन बसों के अंदर पहुंचने के बाद मास्क या तो निकाल दे रहे हैं या फिर उसे नाक के नीचे खिसका लेते हैं। एक तो लोग खुद बहुत ज्यादा लापरवाही बरत रहे हैं। ऊपर से बस के चालक व परिचालक भी उन्हें मास्क लगाने के लिए नहीं टोकते हैं। इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। सवारियां सोचती हैं कि चलती बस के अंदर चालान होगा नहीं। इसलिए मास्क पहनने की जरूरत ही क्या है।
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण अब दिल्ली सरकार ने छठ पूजा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इससे छठ पूजा समितियों में निराशा है। समितियों के पदाधिकारियों की लाख कोशिशों के बाद भी सरकार ने पूजा की अनुमति नहीं दी है। हालांकि पूजा समितियों की उम्मीद अब भी बाकी है, इसीलिए वे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। कुछ समितियों ने तो अपने छठ पूजा घाटों की सफाई भी शुरू करवा दी थी। दरअसल, उन्हें लग रहा था कि राजधानी में पूजा की अनुमति मिल जाएगी। पदाधिकारियों का कहना है कि इस साल के सारे त्योहार महामारी के कारण सूने ही बीते। कम से कम सावधानी के साथ छठ पूजा की ही अनुमति मिल जाती। अनुमति के लिए समितियों के पदाधिकारी शर्तें भी मानने को तैयार हैं। इसके बावजूद सार्वजनिक जगहों पर पूजा की अनुमति मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
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