पर्यावरण मित्र बनाने की मुहिम चला रहे हैं प्रवीण, जुड़ चुके हैं 400 से अधिक लोग
बाहरी दिल्ली के बुराड़ी के परशुराम एंक्लेव में रहने वाले 40 वर्षीय प्रवीण मिश्र लोगों में पर्यावरण के प्रति भावनात्मक लगाव पैदा करने की मुहिम में सालों से जुटे हैं।
नई दिल्ली (संजय सलिल)। बाहरी दिल्ली के बुराड़ी के परशुराम एंक्लेव में रहने वाले 40 वर्षीय प्रवीण मिश्र लोगों में पर्यावरण के प्रति भावनात्मक लगाव पैदा करने की मुहिम में सालों से जुटे हैं। वह इसके लिए लोगों को पर्यावरण से दोस्ती करा रहे हैं और उन्हें पर्यावरण मित्र का नाम दे रहे हैं। वह अपने इस मुहिम में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से करीब साढ़े चार सौ लोगों को जोड़ चुके हैं।
मुहिम में शामिल लोगों की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने इलाके में सड़कों के किनारे, डिवाइडरों, पार्क, सार्वजनिक जगहों में लगे पौधों की नियमित रूप से देखभाल करे और उन्हें पल्लवित पुष्पित होने में आ रही हर तरह की बाधाओं को दूर करे।
यही कारण है कि उनके इस मुहिम में शामिल लोग उत्तम नगर, ख्याला, संत नगर, बुराड़ी, आनंद पर्वत आदि जगहों पर पर्यावरण को हरा-भरा रखने में अपनी भूमिका को बखूबी निभा रहे हैं। मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के निवासी प्रवीण एक निजी कंपनी में बतौर मार्केटिंग मैनेजर कार्यरत हैं। उनकी पत्नी मधु तिवारी पेशे से वकील हैं। लेकिन, अपनी इस व्यस्त दिनचर्या के बीच हफ्ते में एक दिन वह पर्यावरण के विकास के लिए जरूर देते हैं।
उन्होंने इस मुहिम को पर्यावरण जागरूकता यात्रा का नाम दिया है। वह कहते हैं कि पेड़-पौधों से बचपन के लगाव को व्यापक रूप देने के लिए वह इस अभियान को चला रहे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली जैसे महानगर में हर कोई रोजी-रोटी के चक्कर में इतना व्यस्त है कि उन्हें पर्यावरण की सुध ही नहीं है। उनका मकसद ऐसे लोगों को जागरूक करना है ताकि वह पर्यावरण की सुरक्षा में जीवन के व्यस्तम क्षणों में कुछ पल निकाल सके।
इसके लिए वह 2016 से जहां पर्यावरण मित्र बनाने के अभियान को चला रहे हैं तो इसके पहले भी वह छोटे स्तर पर इसके लिए लोगों को जागरूक करते रहे हैं। उनके इस कार्य में उनकी पत्नी व भाई शेखर मिश्र भी नियमित रूप से सहयोग करते हैं। वह बताते हैं कि परिवार के सदस्यों के अलावा उनके टीम में अनूप, राजेश शर्मा, जगदीश विश्नोई, मुकेश मौर्या जैसे लोग भी शामिल हैं।
उन्होंने वर्ष 2012 में बुराड़ी इलाके में अपने घर की छत पर बागवानी शुरू की। इसके लिए घर से निकलने वाले कूड़े कचरे से बिना किसी मशीन से खाद तैयार किया और इसका इस्तेमाल छत पर लगाए जाने वाले पौधों के लिए किया।
अपने इस मुहिम को बढ़ावा देते हुए उन्होंने अब तक 50 लोगों को इसके लिए प्रेरित किया और ऐसे लोग आज अपने छतों पर फल से लेकर सब्जियां तक उगा रहे हैं। वह पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाते रहते हैं। कुछ माह पूर्व बुराड़ी चौक पर चलाए गए उनके इस अभियान में अच्छी तादाद में लोगों की भागीदारी रही।
पर्यावरण के लिए जीवन है समर्पित
प्रवीण कहते हैं कि पर्यावरण के लिए वह जीवनर्पयत यात्र पर हैं। उन्होंने अपने जीवन को इसके लिए समर्पित कर दिया है। उनकी सोच यह है कि पर्यावरण की बेहतरी के लिए आज हम सोचेंगे और काम करेंगे तो आने वाले समय में स्वच्छ व सुंदर भारत के सपने को साकार कर सकते हैं। इसके लिए वह हर साल एक जुलाई से लेकर सात जुलाई तक लोगों के बीच जाकर उन्हें पौधे बांटते हैं और टीम के साथ पौधरोपण भी करते हैं। वह स्कूलों में जाकर बच्चों को पर्यावरण की महत्ता के बारे में बताते हैं और बच्चों व उनके माता-पिता को पौधे देकर उन्हें आसपास लगाने व नियमित देखभाल करने का संकल्प भी दिलाते हैं। टीम के साथ तीन सालों में वह एक हजार से ज्यादा पौधे बांट चुके हैं तो करीब इतने ही पौधे दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में लगा भी चुके हैं। वह कहते हैं कि लोग जागरूक होंगे तो पर्यावरण को खुद ही बचा लेंगे।