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Farmer Protest: कुंडली बॉर्डर के पास रोड खुलवाने पहुंचे लोग व प्रदर्शनकारी निहंग आमने-सामने, टला टकराव

धरना देने वालों से पुलिस ने अनुमति पत्र मांगा तो राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के सदस्यों ने कहा कि वे तो कुछ घंटों के लिए यहां बैठना चाहते हैं लेकिन जो आंदोलनकारी रोड जाम कर बैठे हैं उन्होंने किससे परमिशन ली है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 02:29 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 02:29 PM (IST)
Farmer Protest:  कुंडली बॉर्डर के पास रोड खुलवाने पहुंचे लोग व प्रदर्शनकारी निहंग आमने-सामने, टला टकराव
रस्ता खुलवाने की मांग को लेकर धरना देने वाले स्थान पर घोडों पर सवार होकर पहुंचे निहंग

नई दिल्ली/सोनीपत, जेएनएन। रोड खुलवाने की मांग को लेकर राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के बैनर तले धरना देने पहुंचे लोगों को पुलिस ने उठाया। धरनास्थल के पास कुछ आंदोलनकारी और लाठी व तलवारों से लैस 30-40 निहंगों के पहुंचने के कारण उत्पन्न टकराव की स्थिति को टालने के लिए पुलिस ने धरना देने वाले लोगों को हटाया। एक तरफ का रोड खुलवाने की मांग को लेकर टीडीआइ, पार्कर के रेजिडेंट्स, कुछ उद्योगपति एचएसआइआइडीसी के गोलंबर के धरनास्थल पहुंचे थे।

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धरना देने वालों से पुलिस ने अनुमति पत्र मांगा तो राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के सदस्यों ने कहा कि वे तो कुछ घंटों के लिए यहां बैठना चाहते हैं, लेकिन जो आंदोलनकारी रोड जाम कर बैठे हैं, उन्होंने किससे परमिशन ली है। इस पर कुंडली एसएचओ रवि कुमार ने कहा कि उनके खिलाफ तो मुकदमा दर्ज हो रहा है, यदि आप बगैर परमिशन के बैठोगे तो आप पर भी मुकदमा दर्ज होगा। हालांकि उन्होंने टकराव की आशंका के चलते सभी से अनुरोध कर वहां धरना नहीं देने दिया।

बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनकारी सौ दिन से अधिक समय से धरना दे रहे हैं। इसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं, करीब 105 दिन के बाद सिंघु बार्डर पर स्थित पांच पेट्रोल पंपों में से तीन खोल दिए गए हैं। हालांकि दो पर अभी भी कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। सिंघु बार्डर पर स्थित इंडियन आयल के पेट्रोल पंप के मैनेजर सुभाष चंद्रा ने बताया कि 26 नवंबर से ही पेट्रोल पंप बंद थे। अभी शुक्रवार से तीन पेट्रोल पंपों को दोबारा खोला गया है। अभी लोग पेट्रोल भरवाने आ तो रहे हैं, लेकिन न के बराबर। दिनभर में मुश्किल से दस हजार रुपये के तेल की बिक्री हो रही है।

सुभाष ने बताया कि पहले हर रोज एक पेट्रोल पंप की औसतन 15 से 16 लाख रुपये की बिक्री होती थी। अब पेट्रोल पंप तो खुल गए हैं, लेकिन पुलिस बैरिके¨डग की वजह से न के बराबर वाहन पहुंच पा रहे हैं। 


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