धैर्य व साहस से कोरोना संकट पर विजय प्राप्त करेगा भारतीय समाज : शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती
Positivity Unlimited तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने कहा कि आज विश्व में महामारी की वजह से अति संकट की स्थिति है। भारत में एक साल पहले भी ये कष्ट आया था।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। "हम जीतेंगे- (पाजिटिविटी अनलिमिटेड)' श्रृंखला के तीसरे दिन शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती व प्रख्यात कलाकार सोनल मानसिंह ने भारतीय समाज को स्वयं पर विश्वास बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि स्वयं पर विश्वास बनाए रखते हुए सकारात्मक विचारों को अपने आस-पास ज्यादा से साझा करें। इससे कोरोना के खिलाफ युद्ध में विजय प्राप्त करने में निश्चित ही मदद मिलेगी। इस पांच दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन "कोविड रिस्पॉन्स टीम' द्वारा किया गया है, जिसमें समाज के प्रमुख व्यक्तित्व मार्गदर्शन कर रहे हैं। यह श्रृंखला 11 मई से प्रारंभ हुई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के उद्बाेधन के साथ इसका समापन 15 मई को होगा।
हिम्मत छोड़ना नहीं, प्रयत्न करते रहना
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने कहा कि आज विश्व में महामारी की वजह से अति संकट की स्थिति है। भारत में एक साल पहले भी ये कष्ट आया था। उस समय समाज की मेहनत, सहयोग और सबकी सहानुभूति से इस संकट से बाहर निकले थे। अभी इस संदर्भ में दोबारा कुछ संकट शुरू हुआ है, अति वेग से शुरू हुआ है। इस संकट के विमोचन के संदर्भ में जो संकट मोचन हनुमान जी हैं, उनका जो वाक्य है उसे हमको स्मरण करना बहुत उपयोगी होगा। वाल्मीकि रामायण में भक्त हनुमान कहते हैं। दुःख होता है, संकट होता है, फिर भी अपना जो मनोधैर्य है, मन में जो हिम्मत है वो छोड़ना नहीं, प्रयत्न करते रहना है।'
प्रार्थना और चिकित्सा से मिलेगी मुक्ति
शंकराचार्य ने कहा कि संकट कैसा भी हो, हम विश्वास के साथ मेहनत करेंगे तो उसका फल मिलेगा और हम सफल होंगे। एक साल पहले के संकट में अनेक भाषाओं, अनेक प्रांतों के लोगों ने एक साथ मिलकर काम किया, उसका परिणाम भी अच्छा अनुकूल मिला।' उन्होंने कहा, "अभी जो संकट है उससे मुक्ति के लिए, संकट निवारण के लिए, संकट विनाश के लिए, दो प्रकार की कोशिश जरूरी है। एक तो प्रार्थना, मंत्र, स्तुति, हनुमान चालीसा और अपने सदाचार नियम-पालन के द्वारा। दूसरा चिकित्सा द्वारा, लेकिन साथ ही इसमें धैर्य व आत्मविश्वास का भी महत्वपूर्ण स्थान है। "अगर धैर्य व आत्मविश्वास है तो संकट कैसा भी हो हम उससे बाहर आ सकते हैं। व्यक्तिगत विश्वास की तो आवश्यकता है ही, साथ ही ऐसा सामूहिक वातावरण बनाने की भी आवश्यकता है।'
सकारात्मक विचारों को साझा कर दूसरों को संबल दें
प्रख्यात कलाकार पद्मविभूषण सोनल मानसिंह ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि हाल ही में उन्हें कोरोना हुआ था, पर सकारात्मक विचारों, धैर्य, आत्मबल व प्रार्थना द्वारा उन्होंने नैराश्य को दूर भगाते हुए इस पर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा, "समाज में असीम आशा व सकारात्मकता का वातावरण बनाने की आवश्यकता है ताकि कोई भी हताश या निराश न हो। इसके लिए रचनात्मकता का सहारा लें तथा मन में कृतज्ञता का भाव रखें... हम सभी इस युद्ध को लड़ रहे हैं और इसमें निश्चित ही विजय प्राप्त करेंगे। पर इसके लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वयं को असहाय न मानें, क्रोध, निराशा, हताशा से स्वयं भी दूर रहें और सकारात्मक विचारों को साझा कर दूसरों को भी संबल दें व समाज में सामूहिक स्तर पर सकारात्मकता का वातावरण तैयार करें।'
कल संत ज्ञान देव सिंह व साध्वी ऋतंभरा का प्रबोधन
14 मई को इस श्रृंखला में श्री पंचायती अखाड़ा- निर्मल के पीठाधीश्वर महंत संत ज्ञान देव सिंह व दीदी मां साध्वी ऋतंभरा, वात्सल्य धाम, वृंदावन उद्बोधन करेंगे। इस व्याख्यानमाला का प्रसारण 100 से अधिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर 11 मई से 15 मई तक प्रतिदिन सायं 4:30 बजे से किया जा रहा है।
ये हैं आनलाइन प्लेटफार्म
‘हम जीतेंगे - Positivity Unlimited“ व्याख्यान श्रृंखला का प्रसारण प्रतिदिन सायं 4.30 बजे से 5.00 बजे विश्व संवाद केंद्र भारत के सोशल मीडिया चैनल (facebook.com/VishwaSamvadKendraBharat और youtube.com/VishwaSamvadKendraBharat) सहित विभिन्न डिजिटल व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हो रहा है। व्याख्यान श्रृंखला के सकारात्मक संदेश को 100 से अधिक समान विचारधारा वाले समाचार पोर्टल के साथ-साथ अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश और दुनिया भर में लोगाें के बीच पहुंच रहा है।