पटियाला हाउस कोर्ट ने लश्कर के प्रशिक्षित आतंकी माेहम्मद आमिर को सुनाई सात साल की सजा
अदालत ने आमिर को अप्रैल 2021 में आपराधिक साजिश गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम आर्म्स एक्ट विस्फोटक पदार्थ अधिनियम समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराया था। आमिर ने कम उम्र होने और जीवन जीने की इच्छा जाहिर करते हुए कम से कम सजा देने का अनुरोध किया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकी 23 वर्षीय मोहम्मद आमिर को यह कहते हुए सात साल के कठाेरवास की सजा सुनाई कि देश लगातार आतंकी गतिविधियों के कारण हिंसा का सामना कर रहा है और यह पूरी मानवता के लिए चिंता का विषय है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों में हजारों निर्दोष लोग मारे जाते हैं। आतंकी गतिविधियों से न केवल निर्दोष लोगों की जान जाती है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी अस्थिर करता है।
अदालत ने आमिर को देश को अस्थिर करने और आतंक पैदा करने के मकसद से भारत में घुसपैठ करने के लिए दोषी ठहराया। अदालत ने आमिर को अप्रैल 2021 में आपराधिक साजिश, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराया था। आमिर ने कम उम्र होने और जीवन जीने की इच्छा जाहिर करते हुए कम से कम सजा देने का अनुरोध किया था। उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है, जबकि उसकी मां दिव्यांग है।
अदालत ने कहा कि दोषी ने आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारत में घुसपैठ की थी और उसके पास से आधुनिक हथियार बरामद हुए हैं। हालांकि, युवा होने की दोषी के आवेदन पर एक उदार दृष्टिकोण लिया जा सकता है और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-428 का लाभ देते उसे सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई जाती है। साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि सजा पूरा होने पर उसे वापस पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। वर्ष 2017 में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर से प्रशिक्षित कैडर के तौर पर पहचान होने के बाद गिरफ्तार किया था। बाद में आमिर के पास से एके-47 राइफल, हथगोले सहित आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे।