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Delhi Airport Guidelines: दिल्ली एयरपोर्ट पर कोरोना वायरस की जांच के लिए 10 घंटे तक फंसे रहे यात्री

Delhi Airport Guidelines आठ से दस घंटे तक यहां फंसे रहने वाले कई यात्रियों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपनी व्यथा बताते हुए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मदद मांगी और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 08:07 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 11:23 AM (IST)
Delhi Airport Guidelines: दिल्ली एयरपोर्ट पर कोरोना वायरस की जांच के लिए 10 घंटे तक फंसे रहे यात्री
11 होटलों को सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया है।

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। कोरोना वायरस के नए स्वरूप (स्ट्रेन) के खौफ के बीच ब्रिटेन और भारत के बीच शुरू हुई विमान सेवा के जरिये शुक्रवार सुबह को 256 यात्री आइजीआइ एयरपोर्ट पर पहुंचे। एयर इंडिया की उड़ान से आए सभी यात्रियों की कोरोना जांच की गई। जांच की लंबी प्रक्रिया के चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आठ से दस घंटे तक यहां फंसे रहने वाले कई यात्रियों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपनी व्यथा बताते हुए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मदद मांगी और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।

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हालांकि एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि सब कुछ कड़े नियम के मुताबिक किया जा रहा था। यात्रियों की संख्या ज्यादा थी, इसकी वजह से थोड़ी देरी हुई। कई यात्रियों ने यहां से अलग-अलग राज्यों के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट की टिकट करा रखी थी। देरी के कारण उनकी उड़ान भी छूट गईं। ब्रिटेन से पहुंचे यात्री संजीव ने बताया कि उन्हें यहां से कोच्चि के लिए उड़ान पकड़नी थी, लेकिन वह छूट गई।

दरअसल, कोरोना का नया स्ट्रेन आने के बाद गत दिनों भारत और ब्रिटेन के बीच संचालित सभी उड़ानों की सेवा बंद कर दी गई थी। इसके करीब दो हफ्ते बाद सरकार ने दोबारा से वहां की करीब 50 फीसद उड़ानों को दोबारा से शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत पहली उड़ान आइजीआइ एयरपोर्ट से बुधवार को ब्रिटेन के लिए रवाना हुई थी। वहीं, ब्रिटेन के लंदन से पहली उड़ान एयरपोर्ट पर शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 10 बजे पहुंची।

एयरोसिटी स्थित 11 होटलों को सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया है।

ब्रिटेन से आए यात्रियों को टर्मिनल से कोरोना जांच केंद्र तक ले जाने के लिए अलग से कारिडोर बनाया गया है, ताकि अन्य उड़ान के यात्रियों से उनका संपर्क न हो। एक-एक समूह में 10 से 15 यात्रियों को एयरपोर्ट पर बने कोरोना जांच सेंटर में ले जाया गया। यात्रियों की कोरोना जांच करने वाली जेनेस्टिंग लैब की निदेशक डा. गौरी अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो जांच के लिए छह घंटे का समय तय है, लेकिन जांच के कड़े नियम के कारण थोड़ी देरी हुई।

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