Move to Jagran APP

ये दिल्‍ली है- 30 करोड़ की पार्किंग में खड़ी होती हैं महज 60 कारें, जानें कारण

अधिकारियों की अनदेखी से स्थिति यह है कि जाम की समस्या का समाधान करने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा बनाई गई पार्किंग खुद समस्याओं का शिकार हो गई है।

By Edited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 11:41 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 03:42 PM (IST)
ये दिल्‍ली है- 30 करोड़ की पार्किंग में खड़ी होती हैं महज 60 कारें, जानें कारण
ये दिल्‍ली है- 30 करोड़ की पार्किंग में खड़ी होती हैं महज 60 कारें, जानें कारण

दक्षिणी दिल्ली (अरविंद कुमार द्विवेदी)। करीब 200 दुकानों वाली हौजखास मेन मार्केट में 30 करोड़ रुपये की लागत से बनी मल्टीलेवल पार्किंग में इन दिनों रोज बमुश्किल 60-70 कारें ही खड़ी होती हैं। पार्किंग के डिजाइन में खामी और लिफ्ट के नहीं चलने से लोग यहां वाहन खड़ी करने से बचते हैं। अधिकारियों की अनदेखी से स्थिति यह है कि जाम की समस्या का समाधान करने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा बनाई गई पार्किंग खुद समस्याओं का शिकार हो गई है। लिहाजा, जाम की समस्या के साथ ही वाहनों के खड़ी करने की समस्या अब भी बरकरार है।

loksabha election banner

फंस जाती हैं गाड़ियां
पार्किंग के एग्जिट गेट के डिजाइन में खामी के कारण यहां से सेडान कारें निकल ही नहीं पाती हैं। एग्जिट गेट का टर्न संकरा होने के कारण बीएमडब्ल्यू, ऑडी व फॉ‌र्च्यूनर जैसी लंबी व बड़ी गाड़ियां दीवार से टकरा जाती हैं। इससे गाड़ियों को खरोंच आती है।

इससे बचने के लिए चालक ऐसी गाड़ियां लेकर पार्किंग में आने से बचते हैं। एग्जिट गेट की दीवारों पर रगड़ के निशान खुद ही हालात बयां कर रहे हैं। निगम इंजीनियरों ने इस पार्किंग के डिजाइन में कितनी घोर लापरवाही बरती है, यह इसी से पता चल जाता है। लोगों का कहना है कि निगम के ऐसे इंजीनियरों के कारण जनता के करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए।

parking in delhi

तीन तल की पार्किंग में दो तल बेकार
निगम ने 12 दिसंबर, 2015 को पार्किंग को दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डिम्ट्स) को सौंपा था। यह अभी डिम्ट्स की सहायता से ही चलाई जा रही है। सुरक्षा के लिए यहां तीन गार्ड और 10 सीसीटीवी कैमरे हैं। इसके बाहर की सरफेस पार्किंग भी डिम्ट्स ही संभालती है।

हालांकि यहां का रेट थोड़ा अधिक है। यहां सरफेस पार्किंग की दर कार के लिए 30 रुपये प्रति घंटा व एक दिन का अधिकतम 100 रुपये है। वहीं, बाइक का 20 रुपये प्रतिघंटा व दिनभर के लिए अधिकतम 50 रुपये है। जबकि मल्टीलेवल पार्किंग में कार का चार्ज प्रति घंटे 20 रुपये और 24 घंटे के लिए 100 रुपये है।

वहीं, बाइक का 10 रुपये प्रति घंटा व दिनभर का अधिकतम 50 रुपये है। मल्टीलेवल पार्किंग की दर सरफेस पार्किंग की तुलना में कम होने के बावजूद लोग अपने वाहन यहीं खड़े करते हैं। यह पार्किंग तीन फ्लोर की है, लेकिन अभी इसके सिर्फ पहले तल को पार्किंग के लिए खोला गया है। नीचे के दूसरे व तीसरे तल जर्जर हालत में हैं। दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है, वेंटिलेशन सिस्टम में जंग लग गया है।

जुआरियों व शराबियों की लगती है महफिल
यहां नीचे के तल में जुआरियों ओर शराबियों की महफिलें सजती हैं। निचले तल पर बीयर व शराब की बिखरी बोतलें सब हकीकत साफ बयां करती हैं। पार्किंग शुरू हुए करीब पांच साल हो गए लेकिन अभी तक इसमें लिफ्ट शुरू नहीं हुई है। इस कारण लोग इसमें अपने वाहन पार्क नहीं करते हैं। पॉश कॉलोनी की लोकल मार्केट होने के कारण लोग यहां रोजमर्रा का सामान लेने कार से आते हैं।

लिफ्ट नहीं चलने से परेशानी
मल्टीलेवल पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के बाद बाहर आने के लिए लिफ्ट नहीं है। वहीं, शॉपिंग के बाद फिर वापस गाड़ी लाने के लिए भी रैंप पर सामान लेकर पैदल जाना पड़ता है। इस परेशानी से बचने के लिए लोग अंडरग्राउंड पार्किंग में जाते ही नहीं हैं। लोग अपने वाहन बाहर ही लगा देते हैं। इससे पूरी मार्केट में जाम लग जाता है। सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं।

एंट्री व एग्जिट गेट पर अवैध पार्किंग
पार्किंग के एंट्री व एग्जिट गेट पर अवैध रूप से वाहन खड़े रहते हैं, जिसकी वजह से लोग चाहकर भी मल्टीलेवल पार्किंग में अपने वाहन नहीं ले जा पाते हैं। पार्किंग के स्टाफ का कहना है ऐसे वाहनों का चालान या तो यातयात पुलिस काट सकती है या फिर निगम के अधिकारी। उन्हें चालान करने का अधिकार नहीं है। डिम्ट्स के एक अधिकारी ने बताया कि लोग तो सरफेस पार्किंग में भी वाहन खड़े करके टोकन नहीं लेते हैं।

अधिकारी ने कहा
लिफ्ट नहीं चलने की जानकारी हमें नहीं है। इस मामले को दिखाया जाएगा। एग्जिट गेट के डिजाइन में खामी की बात है तो इंजीनियरिंग व सिविल डिपार्टमेंट से बात करके देखा जाएगा कि क्या समस्या है। यहां के दुकानदार जान-बूझकर पार्किंग में खामियां बताते रहते हैं, जबकि एक बार हम विशेष अभियान चलाकर इसके प्रति जागरूक भी कर चुके हैं।
प्रेमशंकर झा, उपायुक्त, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम

इस पार्किंग के बनने के बावजूद हम लोगों की समस्याएं दूर नहीं हईं। पार्किंग की बेहतर सुविधा नहीं होने के कारण यहां पर कस्टमर नहीं आते हैं। जो ग्राहक आते भी हैं उन्हें पार्किंग के लिए परेशान होना पड़ता है। निगम मल्टीलेवल पार्किंग की लिफ्ट को चालू कर दे तो कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन, अधिकारियों को हमारे कारोबार की फिक्र ही नहीं है। 

पुरुषोत्तम, सदस्य, हौजखास मेन मार्केट एसोसिएशन

मल्टीलेवल पार्किंग में लिफ्ट नहीं होने के कारण हमें मजबूरी में बाहर ही वाहन लगाना पड़ता है। शॉपिंग के बाद सामान लादकर पार्किंग के रैंप तक पैदल जा पाना काफी मुश्किल होता है। बुजुर्गों और महिलाओं को और ज्यादा मुश्किल होती है। सुविधाओं के अभाव में यह पार्किंग बस दिखावा साबित हो रही है। निगम ने इस पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं।
परमेश रंजन, ग्राहक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.