Delhi News: झारखंड में प्रतिबंध के बावजूद बेचा जा रहा पान मसाला, दिल्ली पुलिस, ED-सीबीआइ तक पहुंची सीबीआइ
जानकारी मिली है कि झारखंड में उगाही का रैकेट चलाने वाला संगठित गिरोह वहीं पर विभिन्न प्रतिबंधित ब्रांड के नकली पान मसालों का निर्माण करवाकर उसे बाजार में बिकवाता है। अब पान मसाला निर्माताओं को ब्लैकमेल कर मोटी उगाही करने की कोशिश में गिरोह जुटा हुआ है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। झारखंड में पान मसाला के कई ब्रांडों पर प्रतिबंध होने के बावजूद वहां उन ब्रांडों के पान मसाला चोरी-छिपे बेचे जा रहे हैं। इसमें झारखंड का ही एक संगठित गिरोह शामिल बताया जा रहा है जो देशभर के अपने तस्करों के जरिये वहां चोरी-छिपे पान मसाला मंगवाकर बिकवा रहा है।
इसके साथ-साथ गाहे-बगाहे स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से कुछ फुटकर ब्रिक्रेताओं पर छापा मरवाकर उस मुकदमे में दिल्ली-एनसीआर के बड़े पान मसाला निर्माताओं के नाम डलवाकर उनसे मोटी रकम ऐंठने की कोशिश कर रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, शातिर गिरोह उन्हें समन भिजवाकर झारखंड पुलिस, ईडी, आयकर विभाग, सीबीआइ आदि एजेंसियों के चंगुल में फंसने का डर दिखाता है और इसके जरिये उगाही की कोशिश कर रहा है। एक साल से गिरोह इस धंधे में लिप्त है।
वहीं, तंग आकर निर्माताओं ने पिछले दिनों दिल्ली पुलिस, ईडी और सीबीआइ से शिकायत कर उगाही करने वाले गिरोह का पता लगाकर उन पर सख्त कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। निर्माताओं की शिकायत पर दिल्ली पुलिस समेत अन्य एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है।
शिकायत में निर्माताओं ने कहा है कि प्रतिबंध के बावजूद अगर झारखंड में पान मसाला बिक रहा है तो उसके लिए वहां की पुलिस जिम्मेदार है, न कि पान मसाला निर्माता। उस मामले में स्थानीय पुलिस अगर किसी के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार करती है तो उसमें पान मसाला निर्माताओं की संलिप्तता कैसे हुई? उधर, झारखंड में राजीव शर्मा और दिल्ली में अमित मलिक नाम का व्यक्ति के इस रैकेट का मास्टर माइंड होने की बात कही गई है।
शिकायत में अंदेशा जताया गया है कि रैकेट में झारखंड के सांसद, मंत्री, विधायक, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी, वकील और गैर सरकारी संस्था से जुड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि रैकेट के मास्टर माइंड मसाला निर्माताओं पर दबाव बनाने के लिए झारखंड के पुलिस महानिदेशक को उन नेताओं और अधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए सिफारिशी पत्र लिखवा रहे हैं।
गिरोह के सदस्य झारखंड की विभिन्न संबंधित एजेंसियों में झूठी शिकायत दर्ज करवाकर वहां निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बना रहे हैं। यहां तक कि अदालत में जनहित याचिका डालने की धमकी भी दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो इस मामले की तेजी से जांच चल रही है। पता लगाया जा रहा है कि यह गिरोह उगाही करने में पहले सफल हुआ है या नहीं। जल्द ही इस मामले में एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।