फर्जी प्रमाण पत्र से सरकार में हुई नियुक्ति, एलजी ने दिए जांच के आदेश
अनुसूचित जनजाति कोटे पर सामान्य वर्ग को फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी दी गई है। शिकायत मिलने के बाद नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एलजी से शिकायत की थी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर हुई नियुक्तियों की उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जांच के आदेश दिए हैं। उपराज्यापल ने यह मामला दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को सौंप दिया है। दस दिनों में जांच पूरी करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं।
आरोप है कि अनुसूचित जनजाति कोटे पर सामान्य वर्ग को फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी दी गई है। इस बाबत कुछ शिकायतें मिलने के बाद नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से शिकायत की थी। वह 24 मई को भाजपा विधायकों के साथ राजनिवास जाकर उपराज्यपाल से मिले थे और दिल्ली सरकार में भर्ती किए जाने का आरोप लगाया था।
अब इस मामले की जांच के आदेश को लेकर विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदों पर गलत तरीके से हो रही नियुक्तियों का बड़ा मामला है। इसमें गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी की गई थी। बावजूद दिल्ली सरकार ने अब तक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की।
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भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि फर्जी प्रमाण पत्र से हुए भर्ती घोटाले में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के साथ ही कई अन्य राज्य भी शामिल हैैं। इसलिए गहन जांच द्वारा ही इस मामले की तह तक पहुंचा जा सकता है। सामान्य श्रेणी के अनेक अभ्यार्थियों ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली है। ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की जरूरत है।
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