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रेहड़ी-पटरी अतिक्रमणः लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट का दो सप्ताह में सर्वेक्षण का आदेश

बाजार में अतिक्रमण करने वालों को रोकने के लिए पीठ ने एसडीएमसी को कहा कि दो सप्ताह के अंदर सर्वे का कार्य पूरा किया जाये और ऐसा नहीं करने पर उपायुक्त को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा ।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 04:52 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 04:52 PM (IST)
रेहड़ी-पटरी अतिक्रमणः लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट का दो सप्ताह में सर्वेक्षण का आदेश
रेहड़ी-पटरी लगाने वालों का डाटा एकत्र करने के लिए सर्वे करने का निर्देश दिया गया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों का डाटा एकत्र करने के लिए सर्वे करने का निर्देश दिया है। बाजार में अतिक्रमण करने वालों को रोकने के लिए पीठ ने एसडीएमसी को कहा कि दो सप्ताह के अंदर सर्वे का कार्य पूरा किया जाये और ऐसा नहीं करने पर उपायुक्त को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

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पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली पुलिस को एसडीएमसी को सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। एसडीएमसी को टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) द्वारा सर्वेक्षण करने का काम दिया गया है। पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए लाजपत नगर ट्रेडर्स ऐसाएसिशन द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया।

अधिवक्ता प्रणव प्रूफी के माध्यम से याचिका दायर कर एसोसिएशन ने कहा कि सेंट्रल मार्केट रेहड़ी-पटरी के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है। ऐसे में एसडीएमसी अदालत की अवमानना के दायरे में है, क्योंकि वह उस क्षेत्र में अवैध रूप से रेहड़ी-पटरी को अनुमति दे रहा है। इसके लिए याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका भी दी है।

एसडीएमसी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता गौरांग कंठ ने कहा कि भले ही लाजपत नगर के कुछ क्षेत्रों को प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में बनाए रखा गया है, लेकिन रेहड़ी-पटरी वालों ने कुछ अतिक्रमण किया है और इस सर्वे का उद्देश्य केवल प्रतिबंधित क्षेत्र में बैठने वालों का डाटा एकत्र करना है।

तीसरी लहर के लिए निगम की तैयारी

वहीं, कोरोना की तीसरी संभावित लहर के मद्देनजर दक्षिणी निगम जोर शोर से तैयारी कर रहा है। इसके तहत तिलक नगर निगम अस्पताल में जहां ग्राउंड फ्लोर में आइसीयू बना दिया गया है, वहीं पहले फ्लोर पर 100 बेड के वार्ड तैयार किए गए हैं। निगम के एक अधिकारी के मुताबिक यह तैयारी विशेष तौर पर बच्चों के इलाज के लिए है। इसके अलावा यहां पर आक्सीजन की कोई कमी न पड़े इसके लिए आक्सीजन प्लांट स्थापित हो चुका है। वहीं कालकाजी और नेहरू नगर अस्पताल में भी आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है।


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