सशस्त्र सेनाओं में कमीशंड आफिसर के रूप में सीधे मिलेगी एंट्री, कोर्स, योग्यता व संस्थान की जानकारी के लिए पढ़ें खबर
आर्मी में किसी भी युवा की कमीशंड आफिसर के रूप में सबसे पहली नियुक्ति लेफ्टिनेंट पद पर होती है। फिर सेवाकाल के दौरान अनुभव योग्यता और उपलब्धियों के आधार पर क्रमश कैप्टन मेजर लेफ्टिनेंट कर्नल कर्नल बिग्रेडियर मेजर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल तथा जनरल के पदों पर पदोन्नति होती है।
नई दिल्ली [धीरेंद्र पाठक]। हर साल इस गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर जब हम परेड करते जांबाज फौजियों के दमखम को देखते हैं। उनके शौर्य और समर्पण की गाथा सुनते हैं,तो कहीं न कहीं मन में यह खयाल आता है कि हम भी इन वीर जवानों की तरह अपने देश के लिए कुछ करें। अगर आप भी ऐसा ही सोच रहे हैं, तो आइए जानें,सेना,वायु सेना और नौ सेना में कैसे आप भी देश सेवा करते हुए एक कमीशंड अफसर बनकर अपना करियर बना सकते हैं..
1. थलसेना (आर्मी) : आर्मी में किसी भी युवा की कमीशंड आफिसर के रूप में सबसे पहली नियुक्ति लेफ्टिनेंट पद पर होती है। फिर सेवाकाल के दौरान अनुभव, योग्यता और उपलब्धियों के आधार पर क्रमश: कैप्टन, मेजर, लेफ्टिनेंट कर्नल, कर्नल, बिग्रेडियर, मेजर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल तथा जनरल के पदों पर पदोन्नति होती है। आर्मी में जनरल या सेना प्रमुख का पद सर्वोच्च कमीशंड पद होता है।
2. नौसेना (नेवी) : नेवी में कमीशंड आफिसर पदों की शुरुआत सब-लेफ्टिनेंट से होती है। सब-लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति के बाद ऐसे अफसरों की पदोन्नति क्रमश: लेफ्टिनेंट कमांडर, कर्नल कमांडर, कैप्टन, कामोडोर, रियर एडमिरल, वाइस एडमिरल तथा एडमिरल जैसे पदों पर होती है। यहां एडमिरल यानी नौसेनाध्यक्ष का पद सबसे उच्च कमीशंड पद होता है।
3. वायुसेना (एयरफोर्स) : एयरफोर्स में सबसे पहली तैनाती फ्लाइंग आफिसर पद पर होती है। इसके बाद यह पद सेवाकाल के दौरान पदोन्नति के आधार पर क्रमश: फ्लाइट लेफ्टिनेंट, स्क्वाड्रन लीडर, विंग कमांडर, ग्रुप कैप्टन, एयर कमांडर, एयर वाइस मार्शल, एयर मार्शल तथा एयर चीफ मार्शल के रूप में बदलता रहता है। एयर चीफ मार्शल यानी वायुसेनाध्यक्ष एयरफोर्स का सर्वोच्च कमीशंड पद होता है।
सशस्त्र सेनाओं में आफिसर पदों के लिए होने वाली प्रमुख परीक्षाएं
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में कमीशंड आफिसर्स पदों पर भर्ती के लिए हर साल दो तरह की परीक्षाएं (एनडीए व सीडीएस के रूप में ) आयोजित करता है, जो इस प्रकार हैं:
एनडीए/एनए एग्जाम: नेशनल डिफेंस एकेडमी ऐंड नेवल एकेडमी एग्जामिनेशन को ही संक्षेप एनडीए कहते हैं। यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। इसी परीक्षा के माध्यम से योग्य नौजवानों की आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में कमीशंड आफिसर पदों पर भर्ती की जाती है। पहले यह परीक्षा सिर्फ पुरुष कैंडिडेट के लिए ही आयोजित की जाती थी, लेकिन नये नियम के बाद अब महिला कैंडिडेट भी इसमें शामिल हो सकती हैं। इस साल पहले चरण की परीक्षा 10 अप्रैल, 2022 को प्रस्तावित है। लेकिन इसके लिए अलग-अलग शैक्षिक योग्यताएं निर्धारित हैं। जैसे, आर्मी विंग में आवेदन के लिए किसी भी मान्यताप्राप्त बोर्ड से 12वीं होना चाहिए, जबकि एयरफोर्स और नेवल विंग के लिए पीसीएम विषयों 12वीं होना आवश्यक है। नये नोटिफिकेशन के अनुसार, 2 जुलाई, 2003 से 1 जुलाई, 2006 के बीच जन्मे अविवाहित पुरुष/महिला कैंडिडेट ही इस एग्जाम में शामिल होने के लिए पात्र हैं। एनडीए कुल 1800 अंकों की परीक्षा है। एनडीए के लिए लिखित परीक्षा (900 अंक)और एसएसबी इंटरव्यू (900 अंक) के रूप में दो चरण की परीक्षाएं होती हैं। इसके बारे में विस्तार से जानकारी के लिए यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट www.upsc.gov.in देखें।
सीडीएस: एनडीए के अलावा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सशस्त्र सेनाओं में स्नातक के बाद आफिसर पदों पर भर्ती के लिए कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन (सीडीएस) का भी आयोजन किया जाता है। यह परीक्षा भी हर साल छह माह के अंतराल पर दो बार आयोजित होती है। इस परीक्षा का नोटिफिकेशन भी एनडीए के आसपास ही निकलता है। इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी यूपीएससी की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए शैक्षिक योग्यता के रूप में इंडियन मिलिट्री एकेडमी तथा आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के लिए किसी भी मान्यताप्राप्त संस्थान से डिग्री होनी चाहिए। वहीं इंडियन नेवल एकेडमी तथा एयरफोर्स एकेडमी के अंतर्गत आवेदन के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। सीडीएस के लिए दो चरण (लिखित परीक्षा एवं इंलिजेंस व पर्सनैलिटी टेस्ट ) की परीक्षा होती है। लिखित परीक्षा में न्यूनतम क्वालिफाइंग अंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स को ही अगले चरण के एसएसबी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
एफ्कैट: अगर आपने फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ विषयों में अच्छे अंकों से 12वीं की परीक्षा पास की है, तो एयरफोर्स कामन एडमिशन टेस्ट (एफ्कैट) के जरिये एयरफोर्स में शार्ट सर्विस कमीशन अधिकारी के रूप में करियर बना सकते हैं। इस परीक्षा के माध्यम से भी आफिसर (फ्लाइंग/ग्राउंड ड्यूटी ) पदों पर भर्ती की जाती है। यह परीक्षा भी एनडीए और सीडीएस की तरह महिला और पुरुष दोनों ही कैंडिडेट के लिए है। यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। इस बारे में विस्तार से जानकारी इंडियन एयरफोर्स की वेबसाइट पर जाकर ( https://afcat.cdac.in) हासिल कर सकते हैं।
एनसीसी स्पेशल/डायरेक्ट एंट्री: एनसीसी में सी सर्टिफिकेट होल्डर युवा भी एनसीसी स्पेशल एंट्री के माध्यम से वायुसेना में आफिसर पदों पर भर्ती हो सकते हैं। यह महिला और पुरुष दोनों ही कैंडिडेट के लिए है। पुरुष कैंडिडेट इस परीक्षा के माध्यम से वायुसेना में परमानेंट और शार्ट सर्विस दोनों तरह के कमीशन को ज्वाइन कर सकते हैं, जबकि महिलाएं सिर्फ शार्ट सर्विस कमीशन के लिए ही ज्वाइन कर सकती हैं। इसके लिए कैंडिडेट की उम्र सीमा 20 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस कैटेगरी के तहत आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन है। वहीं, टेक्निकल विंग के लिए बीई/बीटेक होना आवश्यक है। सीडीएस के अंतर्गत ऐसे कैंडिडेट का आवेदन आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई के अंतर्गत मांगा जाता है। एनसीसी डायरेक्ट एंट्री के अंतर्गत चयन के लिए कैंडिडेट का सिर्फ इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट लिया जाता है। इसके आवेदन की सूचना कैंडिडेट रोजगार समाचार के जरिए प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी आप इंडियन एयरफोर्स की वेबसाइट (https://indianairforce.nic.in) से प्राप्त कर सकते हैं।
टेक्निकल ग्रेजुएशन कोर्स: यह कोर्स बीई/बीटेक के आखिरी साल में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए है या फिर बीई/बीटेक की डिग्री हासिल कर चुके हों। आमतौर पर सेना के अधिकारी कालेजों में खुद जाकर प्लेसमेंट के जरिए इनका चयन करते हैं। इस कोर्स में चयन के लिए कैंडिडेट की उम्र 20 से 27 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसमें कैंडिडेट्स का सिर्फ इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट होता है। ऐसे उम्मीदवार फोर्स में इंजीनियर के तौर पर अपनी सेवाएं देते हैं।