ओम प्रकाश चौटाला को जेल से रिहा नहीं होने देना चाहती केजरीवाल सरकार, कोर्ट में दिये ये तर्क
समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज करने के दिल्ली सरकार के फैसले को शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज करने के दिल्ली सरकार के फैसले को शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ के समक्ष बुधवार को चौटाला व दिल्ली सरकार के अधिवक्ताओं ने अपना-अपना पक्ष रखा।
चौटाला की तरफ से अधिवक्ता अमित साहनी ने कहा कि सरकार की नीति के अनुसार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर कैदियों को एक-एक माह की सजा में छूट दी जाती है। इस तरह छह साल में एक साल की छूट हो गई। इस हिसाब से सात साल की सजा पूरी हो चुकी है जबकि साजिश जैसे मामले में सरकार ने नीति बनाई है कि यदि कोई कैदी 60 साल से ज्यादा उम्र का है और दिव्यांग है और आधी सजा काट चुका है तो उसे रिहा किया जा सकता है।
वहीं दिल्ली सरकार ने दलील दी कि क्योंकि याचिकाकर्ता को भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मामलों में सजा हुई है ऐसे में उन्हें राहत नहीं दी जा सकती। पीठ ने इस पर दोनों को तीन पेज में एक संक्षेप जानकारी पेश करने को कहा। याचिका पर अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी। इससे पहले भी चौटाला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने दिल्ली सरकार को चौटाला के आवेदन पर अंतिम निर्णय लेने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 3 अप्रैल 2019 को समय पूर्व रिहाई की मांग वाले चौटाला के आवेदन को खारिज कर दिया था।