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Namvar Singh: जीवंत हुई आलोचक नामवर सिंह की यादें, ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन

वृतचित्र में नामवर सिंह का साक्षात्कार देखना दर्शकों के लिए सुखद अनुभव था। इस फिल्म में नामवर सिंह की जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से भी दिखे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 03:29 PM (IST)
Namvar Singh: जीवंत हुई आलोचक नामवर सिंह की यादें, ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन
Namvar Singh: जीवंत हुई आलोचक नामवर सिंह की यादें, ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रख्यात साहित्यकार एवं आलोचक नामवर सिंह की जयंती पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया। मंगलवार को नामवर सिंह पर बने वृतचित्र का प्रीमियर हुआ, जबकि बुधवार को व्याख्यान आयोजित किया गया। दूसरी परंपरा की खोज नाम से आयोजित व्याख्यान की अध्यक्षता प्रो. राम बहादुर राय ने की।

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'नामवर सिंह : सफर 90 साल' वृतचित्र में नामवर सिंह का साक्षात्कार देखना दर्शकों के लिए सुखद अनुभव था। इस फिल्म में नामवर सिंह की जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से भी दिखे। मसलन, उनका जन्म 28 जुलाई 1926 को तत्कालीन बनारस जिले के जीयनपुर में हुआ था, लेकिन गांव ऊसर भूमि पर स्थित था। इसलिए यह ऊसर गांव के नाम से जाना जाता था। गांव में कोई स्कूल नहीं था।

नामवर सिंह की बनारस से हुई पढ़ाई

इसलिए आधा मील दूर एक दूसरे गांव पढ़ने जाना पड़ता। नामवर सिंह की आगे की पढ़ाई बनारस में हुई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पंडित केशव प्रसाद मिश्र प्रोफेसर थे। केशव प्रसाद के अनुसार संस्कृत में दो परंपराएं थीं। एक कालिदास की और दूसरी भवभूति की। हालांकि इन्होंने हिंदी में किसी परंपरा का उल्लेख नहीं किया था।

दर्शकों को पसंद आया नामवर सिंह से जुड़ा एक अन्य दिलचस्प किस्सा

इन्हीं से प्रेरित होकर नामवर सिंह ने हिंदी में दूसरी परंपरा पर प्रकाश डाला। हालांकि वे इसे दूसरी परंपरा न कहकर एक अन्य परंपरा कहते थे। वृतचित्र में नामवर सिंह से जुड़ा एक अन्य दिलचस्प किस्सा दर्शकों को पसंद आया। वह यह था कि नामवर सिंह हिंदी से स्नातकोत्तर नहीं करना चाहते थे, बल्कि प्राचीन भारत और संस्कृति से करना चाहते थे। दरअसल, स्नातक में नामवर सिंह ने संस्कृति पढ़ा था, इसलिए उन्हें लगा कि स्नातकोत्तर में भी संस्कृति पढ़ें। बाद में केशव प्रसाद मिश्र के कहने पर उन्होंने स्नातकोत्तर हिंदी से किया।  बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से यह कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया। 


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