घर बैठे ही कर सकते हैं अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी का आनलाइन अवलोकन, राष्ट्रीय संग्रहालय की पहल
कोरोना काल में संग्रहालय के दरवाजे दर्शकों के लिए बंद हैं। ऐसे में राष्ट्रीय संग्रहालय ने सराहनीय पहल की है। संग्रहालय ने बुद्ध आधारित कलाकृतियों की आनलाइन प्रदर्शनी शुरू की है। प्रदर्शनी को अब तक बड़ी संख्या में लोग देख चुके हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में संग्रहालय के दरवाजे दर्शकों के लिए बंद हैं। ऐसे में राष्ट्रीय संग्रहालय ने सराहनीय पहल की है। संग्रहालय ने बुद्ध आधारित कलाकृतियों की आनलाइन प्रदर्शनी शुरू की है। प्रदर्शनी को अब तक बड़ी संख्या में लोग देख चुके हैं। प्रदर्शनी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और राष्ट्रीय संग्रहालय के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। संग्रहालय पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनी गत वर्ष नवंबर महीने में शुरू की गई थी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उद्घाटन किया था। आनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी दर्शकों को एक ही मंच पर अपने घर से एससीओ देशों के बौद्ध कला के पुरावशेषों के अवलोकन की सहूलियत देती है।
इन देशों की भागीदारी
प्रदर्शनी में एससीओ के सदस्य देश कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान के विभिन्न संग्रहालयों की सक्रिय भागीदारी है। प्रदर्शनी में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय, भारतीय संग्रहालय (कोलकाता), कजाकिस्तान का राष्ट्रीय संग्रहालय, डुन हुआंग अकादमी (चीन), किर्गिज गणराज्य का राष्ट्रीय ऐतिहासिक संग्रहालय, पाकिस्तान के संग्रहालय, स्टेट ओरिएंटल आर्ट म्यूजियम मास्को (रूस), राष्ट्रीय संग्रहालय और पुरावशेषों का राष्ट्रीय संग्रहालय- ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल शामिल हैं।
एक क्लिक पर दीदार
संग्रहालय पदाधिकारियों ने बताया कि दर्शक थ्रीडी प्रारूप में गांधार और मथुरा शैली, नालंदा, अमरावती, सारनाथ आदि के भारतीय बौद्ध संपदाओंको देख सकते हैं। पाकिस्तान हाल में कराची, लाहौर, तक्षशिला, इस्लामाबाद, स्वात और पेशावर के संग्रहालयों के पुरावशेषों के जरिए गौतम बुद्ध के जीवन और बौद्ध कला को दर्शाया गया है। इनमें सिद्धार्थ का उपवास और सीकरी से बुद्ध के पदचिह्न, ध्यानमग्न बुद्ध आदि शामिल हैं।