Delhi Kisan Andolan: खुल रही राजधानी में उपद्रव की साजिश करने वालों की परत दर परत, कोर्ट में रो पड़ी दिशा
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों को साजिशन भड़काने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर उपद्रव के लिए उकसाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब करने के लिए तैयार की गई टूलकिट बनाने वाली को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ढूंढ निकाला है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों को साजिशन भड़काने, गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर उपद्रव के लिए उकसाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब करने के लिए तैयार की गई टूलकिट बनाने वाली को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ढूंढ निकाला है।
सेल ने इस पूरे मामले की मुख्य साजिशकर्ता एक जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस गिरफ्तारी के बाद ट्वीट कर बताया कि दिशा ने ही खालिस्तान समर्थित संगठनों व अन्य साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर टूलकिट तैयार किया और इसे आगे ट्वीट कराया।
यही टूलकिट स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया और फिर बवाल मचने पर दिशा ने ही उसे ट्वीट डिलीट करने को कहा। दिशा को रविवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर दे दिया। दिल्ली पुलिस के अनुसार, साइबर सेल द्वारा बेंगलुरु में सोलादेवना हल्ली स्थित घर से गिरफ्तार की गई दिशा रवि ने टूलकिट के गूगल डाक्यूमेंट को संपादित किया।
वह इस डाक्यूमेंट को तैयार करने और इसका प्रसार करने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता है। उसने वाट्स एप ग्रुप बनाया और खालिस्तानी समर्थकों व अन्य को उसमें शामिल कर उनके साथ मिलकर टूलकिट डाक्यूमेंट तैयार किया। इस दौरान वाट्स एप ग्रुप के सभी सदस्यों ने खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़कर देश के खिलाफ माहौल तैयार किया।
दिशा ने ही ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट डाक्यूमेंट भेजा। बाद में उसने ग्रेटा को मुख्य डाक्यूमेंट हटाने को कहा था, जो ग्रेटा ने अनजाने में ट्वीट के साथ अपलोड कर दिया था। टूलकिट में 26 जनवरी हिंसा को लेकर साइबर स्ट्राइक की भी बात लिखी गई थी। दिशा का दावा है कि उसने सिर्फ दो लाइन संपादित कीं, जबकि उसने कई बार डाक्यूमेंट का संपादन किया।
दिल्ली पुलिस ने दिशा का रिमांड लेने के दौरान कोर्ट में कहा कि साइबर सेल की टीम अब दिशा के करीबियों निकिता जैकब और शांतनु की तलाश कर रही है। साथ ही वाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा रही है। दिशा का मोबाइल फोन व लैपटाप जब्त कर लिया गया है। उसने अपना फोन डाटा डिलीट कर दिया है, जिसे फिर से हासिल करने के लिए उसके फोन को फोरेंसिक लैब में भेजा गया है।
अभी होंगी और गिरफ्तारियां
टूलकिट अभियान सोची समझी साजिश के तहत चलाया गया था। इस मामले में दिशा की पहली गिरफ्तारी है। दिल्ली पुलिस ने साफ किया है कि इससे पूछताछ के बाद अब आगे और भी गिरफ्तारियां जल्द होंगी। पुलिस का कहना है कि किसान आंदोलन को भड़काने के लिए टूलकिट अभियान चलाया गया।
इस अभियान में विदेश में रहने वाले खालिस्तानी समर्थकों ने कई लोगों को शामिल कर साजिश रची और उनके जरिये टूलकिट अभियान को अंजाम दिया गया। साजिश की भनक लगने पर दिल्ली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ देशद्रोह, दंगा भड़काने के इरादे से भड़काऊ बयान देना, विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना व आपराधिक षड्यंत्र रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
पुलिस ने सात दिन का मांगा था रिमांड
दिशा रवि को गिरफ्तार करने के बाद साइबर सेल ने उसे रविवार दोपहर पटियाला हाउस कोर्ट स्थित ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर सात दिन का रिमांड मांगा था। रिमांड के लिए पुलिस की ओर से दलील दी गई कि दिशा सहित कई अन्य आरोपितों ने खालिस्तान समर्थक समूहों को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के खिलाफ साजिश रची है। उसने टूलकिट तैयार किया है। हजारों लोग उक्त साजिश में शामिल हैं। ये लोग खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू से प्रभावित हैं।
दिशा ने 3 फरवरी को टूलकिट को संपादित कर डाटा डिलीट कर दिया है। उसने दो लाइन संपादित करने की बात स्वीकारी है और यह भी कहा है कि उसने आंदोलनकारियों के समर्थन में ऐसा किया था, जो अन्नदाता हैं। उनके आंदोलन से वह प्रभावित है। पुलिस की ओर से यह भी कहा गया कि टूलकिट मामले में उसके साथियों शांतनु और निकिता को गिरफ्तार किया जाना बाकी है।