विश्व कुश्ती दिवस के दिन ही पुलिस के हत्थे चढ़ा हत्यारोपी और एक लाख का इनामी ओलंपियन सुशील कुमार, अब क्राइम ब्रांच करेगी जांच
पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड के मुख्य आरोपित 18 दिनों से फरार चल रहे ओलंपियन सुशील कुमार और उसके सबसे खास सहयोगी अजय सहरावत को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार सुबह मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड के मुख्य आरोपित 18 दिनों से फरार चल रहे ओलंपियन सुशील कुमार और उसके सबसे खास सहयोगी अजय सहरावत को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार सुबह मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया। दोनों एक स्कूटी पर सवार होकर किसी साथी से मिलने जा रहे थे, तभी उन्हें दबोच लिया गया। दोनों को रोहिणी कोर्ट में पेश करने के बाद क्राइम ब्रांच को रिमांड पर सौंप दिया गया। अब क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच करेगी। ये इत्तेफाक ही है कि 23 मई को विश्व कुश्ती दिवस के दिन ही सुशील की हत्या के आरोप में गिरफ्तारी हुई।
सुशील दिल्ली के बापरौला गांव और अजय सहरावत बक्करवाला गांव का रहने वाला है। सुशील दो बार ओलंपिक में पदक जीत चुका है। उसे पद्मश्री, राजीव गांधी खेल रत्न व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अजय छत्रसाल स्टेडियम में शारीरिक व्यायाम का शिक्षक है। उसके पिता बक्करवाला से कांग्रेस के निगम पार्षद हैं। सागर की हत्या के बाद फरार हो जाने पर पुलिस आयुक्त ने सुशील की गिरफ्तारी पर एक लाख व अजय पर 50 हजार का इनाम रख दिया था। साथ ही रोहिणी कोर्ट से सुशील व अजय समेत पांच अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया था। सुशील देश छोड़कर कहीं भाग न जाए, इसके मद्देनजर उसका पासपोर्ट जब्त कर लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था।
हालांकि, इस मामले में सुशील के करीबियों का कहना है कि स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त सागरप्रीत हुड्डा के प्रयास से सुशील व अजय ने समर्पण किया है। भाजपा नेता विजय गोयल और राज्यवर्धन राठौर के खेल मंत्री रहने के दौरान हुड्डा खेल मंत्रालय में निदेशक पद पर थे। उन्हें सुशील का खास माना जाता है।
डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक, रविवार सुबह स्पेशल सेल को सूचना मिली कि सुशील व अजय स्कूटी से किसी साथी से मिलने सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास आने वाला है। एसीपी अतर सिंह व इंस्पेक्टर शिव कुमार और कर्मवीर के नेतृत्व में एसआइ राजेश कुमार की टीम ने 9.15 बजे दोनों को मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया। स्कूटी अजय चला रहा था। पुलिस से बचने के लिए ये अलग-अलग वाहनों से इधर-उधर भटक रहे थे।
पुलिस के अनुसार, चार मई की रात एक बजे सुशील ने 15- 20 पहलवानों के साथ माडल टाउन स्थित सागर के फ्लैट पर आकर सागर व उसके साथ रह रहे अमित, भक्तु और सोनू को पिस्टल दिखाकर अगवा कर लिया था। वे लोग इन्हें अलग-अलग कारों में बैठाकर छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में ले आए थे। वहां इन चारों की लोहे की रॉड, हॉकी स्टिक व डंडे से बुरी तरीके से पिटाई की गई। बाद में आरोपितों ने सागर के दो अन्य साथी रविन्द्र व विकास को शालीमार बाग से लाकर उनकी भी पिटाई की। घायल सागर,अमित व सोनू को सुश्रुत ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां अगले दिन 5 मई की सुबह सिर में गंभीर चोट की वजह से सागर की मौत हो गई।
सजा ऐसी मिले जो मिसाल बने: अशोक धनखड़
पहलवान सागर धनखड़ के पिता दिल्ली पुलिस में हवलदार अशोक धनखड़ का कहना है कि सुशील के खिलाफ अच्छी तरह से जांच हो। उसे सख्त से सख्त सजा मिले। बदमाशों के साथ उसके संबंध खंगाले जाएं कि कितने वर्षों से किन किन बदमाशों से इसके गहरे संबंध हैं। उसके गलत संबंधों को उजागर किया जाय। सुशील के सभी मेडल वापस लिए जाएं। साथ ही दिल्ली सरकार उसे नौकरी से बर्खास्त करे। सुशील को ऐसी सजा मिले जो समाज में मिसाल बने, ताकि भविष्य में कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति आम लोगों के साथ इस तरह की वारदात न कर पाए।
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