Kisan Andolan: बहस के दौरान मर्यादा तार-तार, एक किसान नेता ने दूसरे को कह दिया 'पागल'
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पद पर रहते मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। इस पर बहस के दौरान भानू प्रताप ने चौधरी पुष्पेंद्र को धमकी देते हुए उन्हें पागल तक कह दिया।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले 10 महीने से दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर जारी किसानों का प्रदर्शन अब पूरी तरह से प्रतीकात्मक रह गया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि किसान आंदोलन का केंद्र अब पूरी तरह से यूपी के लखीमपुरी खीरी जिले में शिफ्ट हो गया है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर पर सन्नाटा पसरा है तो किसानों के मुद्दे पर टेलीविजन चैनलों पर हंगामा हो रहा है। स्थिति यह बन गई है कि किसानों के मुद्दे पर धमकी देने के साथ पागल तक कहने लगे हैं।
ताजा मामला किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र (Chaudhary Pushpendra, president of Kisan Shakti Sangh) और भारतीय किसान यूनियन(भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह के बीच टीवी पर बहस के दौरान टकराव का है। हुआ यूं कि एक निजी टेलीविजन चैनल पर बहस के दौरान 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि जब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा अपने पद पर बने रहते हैं और मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं, तब तक इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। इस पर भानू प्रताप ने चौधरी पुष्पेंद्र को धमकी देते हुए उन्हें पागल तक कह दिया।
दम है तो आओ मेरे पास
बहस के दौरान भानू प्रताप सिंह ने कहा- 'मैं भारतीय किसान यूनियन (भानू) का मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। मथुरा में मेरा कार्यालय है। मैं कभी झूठ नहीं बोलता। बकवास मत करो, दम हो तो मेरे पास आ जाओ।'
500 बार दे चुके हैं परिचय
बहस से दौरान भानु प्रताप के परिचय देने पर चौधरी पुष्पेंद्र ने का कहा 'मुद्दे पर आओ, ये प्रचार मत करो। ये परिचय पांच सौ बार दे चुके हो आप।'
भानु प्रताप ने किया सवाल, डिप्टी सीएम को क्यों दिखाए काल झंडे
बहस गर्म हुई तो भानु प्रताप ने पुष्पेंद्र सिंह को पागल तक कह दिया। दरअसल, लखीमपुर हिंसा के मुद्दे पर पुष्पेंद्र ने कहा कि मंत्री के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है तो भानु प्रताप ने कहा- 'तुम पागल हो, तुम्हारे कांग्रेस और राकेश टिकैत की वजह से ही यह सब मामला हुआ है। काले झंडे क्यों दिखाए उपमुख्यमंत्री को?'
राकेश टिकैत और कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
टेलीविजन पर बहस के दौरान भानु प्रताप यहीं पर नहीं रुके उन्होंने यह तक कहा कि राकेश टिकैत और कांग्रेस का षड्यंत्र है यह सब। उन्होंने दिल्ली-एनसीआर के बार्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपर और टीकरी) पर चल रहे धरना प्रदर्शन पर कहा कि किसानों का आंदोलन राकेश टिकैत और कांग्रेस की वजह से है। ये लोग संविधान और लोकतंत्र... कुछ नहीं मानते।
कांग्रेस नहीं आएगी सत्ता में
बहस के दौरान भानु प्रताप ने यहां तक कहा कि कांग्रेस कितना भी जोर लगा ले, उत्तर प्रदेश में सत्ता वापसी नहीं कर पाएगी। बता दें कि यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भारतीय किसान यूनियन जुड़े नेता और भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के करीबी धर्मेंद्र मलिक और भानू प्रताप के बीच जोरदार बहस हो चुकी है।
यह है पुष्पेंद्र सिंह और भानु प्रताप के बीच पूरा मामला
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में टीवी चैनल पर बहस में हिंस्सा लेने के दौरान भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह और किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र सिंह दोनों आमने सामने थे। मुद्दा लखीमपुरी खीरी हिंसा था। अपना पक्ष रखने के दौरान भानु प्रताप ने शुरुआत अपना परिचय देने से की। फिर क्या था पुष्पेंद्र सिंह ने भानु प्रताप को टोकते हुए कहा 'आप मुद्दे पर आ जाओ, प्रचार मत करो।' इस पर बुजुर्ग किसान नेता भानु प्रताप आग बबूला हो गए और पुष्पेंद्र सिंह को धमकी देने लगे। इतना ही नहीं भानु प्रताप ने तो पुष्पेंद्र सिंह को पागल तक कह दिया।
जानिये- कौन हैं किसान नेता भानु प्रताप
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह (Thakur Bhanu Pratap) शुरुआत में तीनों केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ थे, इसलिए वह दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बार्डर पर धरने पर भी बैठे थे। वहीं, 26 जनवरी, 2021 को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किला पर हुई हिंसा के बाद उन्होंने अपना धरना ही खत्म कर दिया। फिलहाल उन्हें राकेश टिकैत के धुर विरोधी के तौर पर जाना जाता है। दो महीने पहले अगस्त में उन्होंने राकेश टिकैत को लेकर कहा था कि वह दिल्ली-गाजीपुर बार्डर पर आतंक फैला रहे हैं। किसान आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि राकेश टिकैत के अंदर ईमानदारी नहीं रही, वे 100 फीसदी बेईमान हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली-गाजीपुर बार्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन कांग्रेस और भाजपा विरोधी दलों द्वारा फंड किया जा रहा है। इसके साथ भानु प्रताप अब पूरी तरह से कृषि कानूनों के समर्थन में हैं, वह तो यह भी कह चुके हैं कि कृषि कानून ठीक हैं और इनके लागू होने से कोई दिक्कत नहीं है। भानु प्रताप तो राकेश टिकैत पर यह भी आरोप लगा चुके हैं कि राकेश टिकैत पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी से पैसे लेने गए थे। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में राकेश टिकैत ने टीएमसी के लिए प्रचार किया था और यह बात किसी से छिपी भी नहीं है।