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दिल्ली के कस्तूरबा नगर सामूहिक दुष्कर्म मामले में एक आरोपित को मिली जमानत

दिल्ली के कस्तूरबा नगर इलाके में गणतंत्र दिवस पर सामूहिक दुष्कर्म व प्रताड़ना के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित दर्शन सिंह को जमानत दे दी है। इस आरोपित के आटो में ही पीड़िता का अपहरण किया गया था।

By Ashish GuptaEdited By: Mangal YadavPublished: Sun, 20 Feb 2022 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 20 Feb 2022 10:53 PM (IST)
दिल्ली के कस्तूरबा नगर सामूहिक दुष्कर्म मामले में एक आरोपित को मिली जमानत
कस्तूरबा नगर सामूहिक दुष्कर्म मामले में एक आरोपित को मिली जमानत

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कस्तूरबा नगर इलाके में गणतंत्र दिवस पर सामूहिक दुष्कर्म व प्रताड़ना के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित दर्शन सिंह को जमानत दे दी है। इस आरोपित के आटो में ही पीड़िता का अपहरण किया गया था। इस मामले के जांच अधिकारी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार मल्होत्रा के कोर्ट को बताया कि आरोपित साजिश रचने और वारदात को अंजाम देने में शामिल नहीं था। उसने वारदात में शामिल बताए गए एक आरोपित को अपना आटो किराये पर दिया था। उसे जब वारदात के बारे में मालूम हुआ तो उसने अपना आटो छिपाने के साथ उसे पानी से धो दिया था। अभियोजक ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। इसे देखते हुए कोर्ट ने आरोपित को जमानत दे दी।

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इस आरोपित ने गिरफ्तारी से पहले अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे इसने वापस ले लिया था। उसके बाद पुलिस न उसे गिरफ्तार किया था। इस आरोपित ने जमानत अर्जी में कहा कि उसके मामले में झूठा फंसाया गया है। इसकी तरफ से पैरवी कर रहे वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल ने केवल साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया।

ये थी घटना

गणतंत्र दिवस पर कड़कड़डूमा गांव से पीड़िता का अपहरण करने बाद कस्तूरबा नगर में उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। डंडे और बेल्ट से उनकी बेरहमी से पिटाई की गई थी। गंजा कर उन्हें जूतों की माला पहना इलाके में घुमाया गया था। हैवानियत करने वाले उनके मायके के पड़ोसी थे, जिन्होंने बदला लेने के लिए इंसानियत को शर्मसार किया था।

दिल्ली में लोकायुक्त नियुक्ति की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर

वहीं, दिल्ली में लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनावी घोषणा पत्र में लोकायुक्त नियुक्त करने का वादा किया था, लेकिन उसे अब तक पूरा नहीं किया। अधिवक्ता ने हाई कोर्ट से आप सरकार को एक महीने के अंदर लोकायुक्त नियुक्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।


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